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आयकर के रडार पर आ सकते हैं दून के स्कूल, ये है वजह

अब निजी शिक्षण संस्थानों पर आयकर विभाग का शिकंजा कस सकता है। मामला ट्रस्ट से होने वाली आय को स्कूल व छात्रों की बेहतरी की जगह अपनी जेब में डालने का है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 04:50 PM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 04:50 PM (IST)
आयकर के रडार पर आ सकते हैं दून के स्कूल, ये है वजह
आयकर के रडार पर आ सकते हैं दून के स्कूल, ये है वजह

देहरादून, [जेएनएन]: दून के तमाम निजी शिक्षण संस्थान आयकर विभाग के रडार पर आ सकते हैं। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पत्र का संज्ञान लेते हुए शिक्षा महानिदेशक ने आयकर विभाग को जांच के लिए पत्र लिखा है। 

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शिक्षा महानिदेशक के पत्र में उल्लेख किया गया है कि दून के तमाम निजी शिक्षण संस्थान आयकर अधिनियम की धारा 12(क) में पंजीकरण कराते हैं और धारा 80जी के तहत आयकर छूट का लाभ उठाते हैं। हालांकि, बाल आयोग ने शिकायत की है कि स्कूल प्रबंधन चेरिटेबल ट्रस्ट या सोसायटी से होने वाली आय को स्कूल व छात्रों की बेहतरी की जगह अपनी जेब में डाल रहे हैं।

कई स्कूलों में अपने सगे-संबंधियों को सामान्य से अधिक तनख्वाह पर रखा है, जबकि कर्इ जगह अपनी संपत्ति को किराये पर स्कूल को दे दिया गया है। इस तरह स्कूल की आय का मोटा हिस्सा बैकडोर से अपने खातों में जमा किया जा रहा है। लिहाजा, ऐसे स्कूलों के आयकर रिटर्न का परीक्षण कराया जाना चाहिए। 

वहीं, दूसरी तरफ बाल आयोग ने इस शिकायत को शिक्षा विभाग को भेजने के साथ ही सीधे मुख्य आयकर आयुक्त को भी भेजा है। अगर शिकायत के आधार पर आयकर विभाग इसकी जांच करता है तो कई स्कूलों की आयकर छूट को समाप्त किया जा सकता है। 

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