समायोजन के बाद भी नहीं मिला विद्यालय को शिक्षक
संवाद सहयोगी, विकासनगर: बोक्सा जनजाति के नौनिहालों को अनिवार्य शिक्षा देने के लिए शिक्षा विभाग
संवाद सहयोगी, विकासनगर: बोक्सा जनजाति के नौनिहालों को अनिवार्य शिक्षा देने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा शाहपुर कल्याणपुर पंचायत की बोक्सा बस्ती में नौ वर्ष पूर्व प्राथमिक विद्यालय स्वीकृत कर भवन निर्माण किया गया था। आलम यह है कि नौ वर्षों में अभी तक शिक्षक की नियुक्ति नहीं होने से भवन पर ताला लटका हुआ है। एक अदद शिक्षक की राह ताक रहा सरकारी स्कूल जिम्मेदारों के अनिवार्य शिक्षा देने के दावों की पोल खोल रहा है।
सूबे में हुक्मरानों के खेल भी निराले हैं। खासकर सरकारी शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाने वाले नीति नियंता अपनी जिम्मेदारी के प्रति लापरवाह बने हुए हैं। इसकी बानगी देहरादून से चालीस किमी की दूरी पर स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय शाहपुर-कल्याणपुर है। यहां सौ अधिक बोक्सा जनजाति के परिवारों के नौनिहालों को शिक्षा का ज्ञान देने के लिए सरकार ने 2009 में प्राथमिक विद्यालय स्वीकृत कर भवन निर्माण किया था। लेकिन विद्यालय में आज तक शिक्षक की नियुक्ति नहीं होने से विद्यालय भवन पर ताला लटका हुआ है। लिहाजा बस्ती के नौनिहालों को दो से तीन किमी दूर दूसरे स्कूलों में जाना पड़ता है। हैरत की बात है कि पूर्व में विभाग द्वारा शिक्षकों का समायोजन करने के साथ ही पदोन्नति की गई थी। जिसके बाद भी इस विद्यालय में कोई शिक्षक नहीं भेजा गया। ग्रामीण राम ¨सह, अजब ¨सह, प्रेमप्रकाश, सावित्री, मोहिता, नूतन, अनीता ने बताया कि शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों सहित सूबे के मुख्यमंत्री तक से शिक्षक तैनात करने की मांग की गई। लेकिन अभी तक शिक्षक की तैनाती नहीं किए जाने से नौनिहालों को फजीहत झेलनी पड़ रही है। उधर, मुख्य शिक्षाधिकारी एसबी जोशी ने कहा कि स्थानीय ब्लाक अधिकारियों को ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद विद्यालय में वैकल्पिक व्यवस्था के तौर शिक्षक की तैनाती करने और विद्यालय का विधिवत संचालन करने के निर्देश दिए जाएंगे।