आपदा प्रबंधन में देवदूत बनेंगे स्कूली छात्र-छात्राएं, दिया जाएगा रेस्क्यू प्रशिक्षण
एसडीआरएफ अब हर स्कूल और गांव के स्वयंसेवियों को आपदा से निपटने के गुर सिखाएगी। इसकी शुरुआत एनसीसी, एनएसएस और स्काउट गाइड से की जाएगी।
देहरादून, संतोष भट्ट। एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स) अब हर स्कूल और गांव के स्वयंसेवियों को आपदा से निपटने के गुर सिखाएगी। इसकी शुरुआत एनसीसी, एनएसएस और स्काउट गाइड से जुड़े छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण देने के साथ की जाएगी। इसके अलावा 10 हजार 376 महिला और युवा मंगल दल के सदस्यों को भी सर्च एंड रेस्क्यू का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जनपदों और चारधाम यात्रा रूट से प्रशिक्षण की शुरुआत की जाएगी। एसडीआरएफ विजन 2020 के तहत आपदा प्रबंधन में जुटा है। इसके तहत ग्राम प्रहरी, पूर्व सैनिकों, चौकीदार, आपदा स्वयं सेवक, रेडक्रॉस सोसायटी और पुलिस को पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है। दूसरे चरण में प्रत्येक गांव की महिला मंगल दल, युवक मंगल दल के सदस्यों को शामिल किया गया है। इसके तहत 10 हजार 376 स्वयंसेवियों को सर्च एंड रेस्क्यू का प्रशिक्षण दिया जाना है।
इसके लिए 13 जिलों की 74 संस्थाओं के 177 कर्मियों को मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण दिया गया है। एसडीआरएफ के प्रशिक्षकों के साथ यह हर गांव और कस्बों में प्रशिक्षण देंगे। इसके अलावा पहली बार एसडीआरएफ प्रदेश के स्कूलों में गठित एनसीसी, एनएसएस और स्काउट गाइड से जुड़े छात्र-छात्राओं को भी आपदा में निपुण बनाएगा। स्कूली छात्र-छात्राओं के माध्यम से एसडीआरएफ आपदा के प्रति जन जागरूकता अभियान और आपदा के न्यूनीकरण पर भी काम करेगा। इसके लिए स्कूलों के कैंपों में सर्च एंड रेस्क्यू का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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