उत्तराखंड में बांस से बनेंगे 5117 स्कूल भवन, पढ़िए पूरी खबर, पढ़िए पूरी खबर
आपदा के नजरिए से बेहद संवेदनशील 5041 सरकारी विद्यालयों और वन भूमि में भवन विहीन 76 विद्यालयों के भवनों का निर्माण बांस से किया जाएगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। आपदा के नजरिए से बेहद संवेदनशील 5041 सरकारी विद्यालयों और वन भूमि में भवन विहीन 76 विद्यालयों के भवनों का निर्माण बांस से किया जाएगा। इस संबंध में बांस एवं रेसा परिषद (बैंबू बोर्ड) के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने आदेश जारी किए हैं।
दरअसल उत्तराखंड भूकंपीय जोन-चार और पांच में पड़ता है। इस क्षेत्र में भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.3 से सात तक हो सकती है। माना जाता है कि बांस से निर्मित भवन 7.6 तीव्रता के भूकंप को सहन करने में सक्षम हैं। ऐसे में बांस निर्मित भवनों से जान-माल की हानि कम होगी। साथ ही बांस से भवनों की निर्माण लागत भी अपेक्षाकृत कम पड़ रही है। ईंट, बजरी, सीमेंट व लोहे से निर्मित प्राथमिक विद्यालय भवन की निर्माण लागत 16.77 लाख हैं। बांस से निर्मित भवन की लागत करीब 16.43 लाख आंकी जा रही है।
आपदा प्रबंधन विभाग ने भूकंप के लिहाज से जोन-चार में 528 और जोन-पांच में 4513 विद्यालय भवनों को संवेदनशील बताया है। इन विद्यालयों के पुनर्निर्माण की जरूरत बताई गई है। आपदा के प्रति संवेदनशील इन विद्यालयों के भवनों के निर्माण के संबंध में बैंबू बोर्ड ने शिक्षा महकमे को प्रस्ताव भेजा था। बोर्ड के इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है। अब उक्त संबंध में शासन ने आदेश जारी किए हैं।
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शिक्षा सचिव के आदेश के मुताबिक राज्य में 5117 सरकारी विद्यालयों का भवन का निर्माण बैंबू बोर्ड के माध्यम से करेगा। बांस से तैयार भवन पर्यावरण अनुकूल होते हैं। एक हजार घरों को तैयार करने में 70 हेक्टेयर बांस पर्याप्त है। बांस भवनों को बनाने के लिए उपचारित बांस का उपयोग किया जाता है। इससे बांस के रखरखाव के साथ भवनों की मजबूती भी बनी रहती है।
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आपदा के नजरिए से बेहद संवेदनशील 5041 सरकारी विद्यालयों और वन भूमि में भवन विहीन 76 विद्यालयों के भवनों का निर्माण बांस से किया जाएगा।