अटल आयुष्मान योजना में गड़बड़ी पर कार्रवाई की जद में आया चिकित्सक
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में फर्जीवाड़े में चिकित्सक भी कार्रवाई की जद में है। योजना के तहत सूचीबद्ध काशीपुर के निजी अस्पताल ने योजना में बड़ी सेंधमारी की है।
देहरादून, जेएनएन। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में फर्जीवाड़े में चिकित्सक भी कार्रवाई की जद में है। योजना के तहत सूचीबद्ध काशीपुर के निजी अस्पताल ने योजना में बड़ी सेंधमारी की है। अस्पताल का मालिक सरकारी अस्पताल में संविदा चिकित्सक है, जिसने फर्जी ढंग से मरीजों का इलाज करना दर्शाया है। शुरुआती जांच में फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद अस्पताल का सूची से निलंबन कर उसकी लॉग-इन आईडी ब्लॉक कर दी गई है। साथ ही दो सदस्यीय समिति मामले की जांच कर रही है।
यह मामला काशीपुर स्थित आस्था हॉस्पिटल से जुड़ा है। राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के अधीन क्रियान्वयन समिति एजेंसी (आइएसए) ने योजना के सीईओ से मामले की शिकायत की थी। फर्जीवाड़े के संदेह में जब इस अस्पताल के बारे में पता किया गया तो एक के बाद एक खुलासे हुए।
पता चला कि अस्पताल के मालिक डॉ. राजीव कुमार गुप्ता ने खुद को इस अस्पताल का एकमात्र चिकित्सक बताया था, जबकि वह एलडी भट्ट राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय, काशीपुर में संविदा के पद पर पूर्णकालिक चिकित्सक हैं।
सूचीबद्ध होने की तिथि से छह अप्रैल 2019 तक खुद ही 17 मरीजों को अपने अस्पताल में रेफर किया। इसके अलावा एक और सरकारी अस्पताल की फर्जी मुहर लगाकर उन्होंने 17 मरीजों को विभिन्न अस्पतालों में रेफर किया, जिनमें से सात उसने खुद के अस्पताल में भर्ती किए। प्राथमिक जांच में पाया गया कि उसने एक-एक परिवार के कई सदस्यों को एक साथ भर्ती होना दिखाया।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रविंद्र थपलियाल ने बताया कि उक्त प्रकरण की जांच की जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसी अनुसार चिकित्सक पर कार्रवाई की जाएगी।
सिडकुल घोटाले में फाइलों की पड़ताल में जुटी एसआइटी
करोड़ों रुपये के सिडकुल घोटाले में पुलिस की एसआइटी को 80 फीसद फाइलें मिल गई हैं। फाइलों में क्या खेल किया गया, इसकी पड़ताल एसआइटी ने शुरू कर दी है। एसआइटी प्रभारी गढ़वाल रेंज के आइजी अजय रौतेला का कहना है कि अध्ययन करने के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
सिडकुल में जमीन आवंटन, निर्माण कार्य, ठेकेदारी, नियुक्त, खरीदारी समेत अन्य मामलों में करोड़ों रुपये का घपला ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया था। इस मामले में तत्कालीन एमडी ने शासन को ऑडिट रिपोर्ट भेजी थी। कई माह तक ऑडिट रिपोर्ट दबाए रखने के बाद मुख्यमंत्री ने इस मामले की एसआइटी जांच के आदेश दिए थे।
गढ़वाल रेंज के आइजी अजय रौतेला की अगुवाई में एसआइटी पिछले तीन माह से जांच कर रही है। शुरुआत में सिडकुल ने जांच से जुड़ी फाइलें देने में देरी की। मगर, एसआइटी की सख्ती के बाद फाइलें मिलनी शुरू हुईं। आइजी रौतेला का कहना है कि अभी तक 80 फीसद फाइलें मिल गई हैं।
इन फाइलों का एसआइटी अध्ययन कर रही है। उन्होंने कहा कि फाइलों का अध्ययन करने के बाद इस मामले में जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। तभी आरोपितों को नोटिस जारी किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि इस प्रकरण में सिडकुल के कई अधिकारी और कर्मचारी जांच के दायरे में हैं। खासकर नियुक्ति प्रकरण से लेकर वेतनमान को लेकर भी बड़ी अनियमितता सामने आई थी।
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