28 को जिला मुख्यालयों में धरना देगा उत्तराखंड एससी-एसटी फेडरेशन
एससी-एसटी इंप्लाइज फेडरेशन और सहयोगी संगठन 28 दिसंबर को प्रत्येक जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन करेगा।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड एससी-एसटी इंप्लाइज फेडरेशन और सहयोगी संगठन 28 दिसंबर को प्रत्येक जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन करेगा। जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को मांगपत्र भेजा जाएगा। इसके बाद तीन जनवरी को परेड ग्राउंड में महासभा आयोजित की जाएगी। इसके बाद परेड ग्राउंड से घंटाघर होते हुए राजपुर रोड से सचिवालय तक रैली निकालकर सचिवालय का घेराव किया जाएगा।
रविवार को फेडरेशन और सामाजिक संगठनों की संयुक्त बैठक आंबेडकर भवन सेवलाकलां में प्रांतीय अध्यक्ष करम राम की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सुबर्दन शाह, चंद्र सिंह ग्वाल, मोदगिल तेगवाल, कांता प्रसाद, मटन लाल, एसएल गौतम, मोहन लाल, रणवीर सिंह तोमर, राम सिंह तोमर, डॉ. राजेश पाल, रामवचन राजभर, यशवंत पाल, हाजी हुसैन, अहमद सरफराज अली, मातबर लाल, भीमलाल, फूल सिंह आदि मौजूद रहे।
फेडरेशन की यह हैं मांगें
- यदि सरकार उच्चतम न्यायालय के अंतिम निर्णय के अधीन (सशर्त) राज्य में डीपीसी पर लगी रोक हटाने पर
विचार करती है तो रोस्टर के अनुसार ही डीपीसी प्रारंभ की जाए
- सीधी भर्ती में रोस्टर की समीक्षा किए जाने के लिए गठित मदन कौशिक समिति की रिपोर्ट जब तक नहीं आ जाती तब तक वर्ष 2001 में निर्धारित रोस्टर के आधार पर ही सीधी भर्ती की जाए
- उत्तराखंड राज्य में शैक्षिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ओबीसी) को शासकीय सेवा में 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए एवं पदोन्नति में भी ओबीसी को आरक्षण दिया जाए।
- फेडरेशन के मुख्य विधि कांता प्रसाद ने कहा कि अगर सरकार एसएस-एसटी और ओबीसी को पदोन्नति में आरक्षण प्रदान नहीं करती है तो इस समाज को सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन करने पर भी विचार करना पड़ेगा
- राज्य के विभिन्न विभागों में बैकलॉग के रिक्त पदों को विशेष भर्ती अभियान के तहत तत्काल भरा जाए तथा राज्य के विभिन्न विभागों में संविदा और आउटसोर्स के माध्यम से की जा रही नियुक्तियों में भी आरक्षण का शत प्रतिशत अनुपालन कराया जाए।
पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर शिक्षकों का हल्लाबोल, प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन