संघ स्वयंसेवक गांवों में युद्धस्तर पर चला रहे हैं राहत कार्य, जरूरतमंदों के नाम की लिस्ट भी तैयार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक प्रचार के तामझाम से दूर गांव में युद्ध स्तर पर जरूरतमंदों की सहायता के लिए राहत कार्य चला रहे हैं।
श्रीनगर गढ़वाल(पौड़ी गढ़वाल), जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक प्रचार के तामझाम से दूर गांव में युद्ध स्तर पर जरूरतमंदों की सहायता के लिए राहत कार्य चला रहे हैं। पौड़ी विभाग के आरएसएस के विभाग प्रचारक चंद्रशेखर के दिशा निर्देशन में शहरी और उससे लगे क्षेत्रों में जरूरतमंदों को खाद्यान्न राहत सामग्री उपलब्ध करवा चुके हैं। संघ के श्रीनगर तहसील प्रचारक मिथलेश और कैलाश चमोली अपने सहयोगियों के साथ आरएसएस के श्रीनगर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में रोजाना 150 से 200 पैकेट राहत खाद्यान्न सामग्री तैयार रहे हैं, जिसके लिए गांव-गांव जाकर जरूरतमंदों के नामों की लिस्ट भी तैयार की है।
पुलिस और हंस फाउंडेशन ने की संयुक्त पहल
झोपड़ियों में रहने वाले निर्धन परिवारों के साथ ही जरूरतमंद बेसहारों की सहायता के लिए पुलिस और हंस फाउंडेशन ने क्षेत्र में बड़े स्तर पर संयुक्त पहल की है। जिसमें हर जरूरतमंद परिवार को पर्याप्त मात्र में निशुल्क खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध करवाई जा रही है। इस सहायता अभियान में दी जाने वाली खाद्यान्न सामग्री की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। हंस फाउंडेशन की माता मंगला एवं भोले जी महाराज स्वयं अपनी देखरेख में पुलिस के सहयोग से खाद्यान्न सामग्री के पैकेट वितरित करवा रही हैं।
गरीब परिवारों को बांटा राशन
वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने सोमवार को कोटद्वार व भाबर क्षेत्र में रहने वाले गरीब व असहाय परिवार के लोगों को राशन वितरित किया। डॉ. हरक सिंह रावत ने पचास से अधिक परिवारों को राशन बांटा। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में सबसे अधिक परेशानी गरीब व असहाय परिवारों को हो रही है, लेकिन प्रदेश और केंद्र सरकार ऐसे परिवारों की मदद के लिए पूरी गंभीरता से कार्य कर रही है।
महिलाओं ने बांटे मास्क
स्वयं सेवी संस्थाओं पर महिलाओं ने लॉकडाउन के दौरान घर पर ही मास्क का निर्माण कर लोगों को वितरित किए। भाजपा मीडिया प्रभारी अनीता डिमरी और नंदी राणा के नेतृत्व में महिलाओं ने जिलाधिकारी, सीएमओ, कलक्ट्रेट के साथ ही अस्पताल कर्मियों को मास्क बांटे। डीएम स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि यदि महिलाओं को कपड़े की जरूरत है तो जिला प्रशासन उन्हें कपड़ा उपलब्ध कराएगा।
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