नारी निकेतन में संवासिनी की मौत, अपर सचिव ने दिए जांच के आदेश Dehradun News
अक्सर सुर्खियों में रहने वाले नारी निकेतन की एक संवासिनी की मौत हो गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर सचिव योगेंद्र यादव ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं।
देहरादून, जेएनएन। अक्सर सुर्खियों में रहने वाले नारी निकेतन की एक संवासिनी की मौत हो गई। अचानक तबीयत बिगड़ने पर संवासिनी को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में श्वास नली में खाना अटकने से मौत होने की पुष्टि हो गई है।
संवासिनी के मूक-बधिर होने के चलते मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर सचिव योगेंद्र यादव ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने नारी निकेतन जाकर पड़ताल की। उन्होंने घटना के बाबत वहां मौजूद कर्मचारियों से भी जानकारी ली।
दरअसल, सितंबर 2014 में टिहरी के परगना मजिस्ट्रेट ने मोनिका नाम की मूक-बधिर संवासिनी को नारी निकेतन में भर्ती कराया था। उसकी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। पिछले कुछ समय से वह सामान्य व्यवहार कर रही थी। सुबह अचानक मोनिका की तबीयत बिगड़ गई।
नारी निकेतन की प्रभारी ज्योति पटवाल ने बताया कि उसे दून अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद लक्खीबाग में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उधर, मोनिका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह साफ हो गया है कि उसकी मौत श्वास नली में खाना अटकने से हुई। मोनिका सांस नहीं ले पाई और उसके शरीर में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाई।
एक दिन पहले थी स्वस्थ
नारी निकेतन में रह रहीं संवासिनियों की नियमित रूप से चिकित्सकीय जांच की जाती है। नारी निकेतन की प्रभारी ज्योति पटवाल के अनुसार एक दिन पहले ही कोरोनेशन अस्पताल की डॉक्टर निधि ने नारी निकेतन में आकर यहां भर्ती सभी संवासनियों का स्वास्थ्य जांचा था। मोनिका की जांच के दौरान वह पूरी तरह स्वस्थ पाई गई थी। नारी निकेतन में इस समय कुल 113 संवासिनियां रह रही हैं।
सर्दी से बचने के तमाम इंतजाम
नारी निकेतन प्रशासन का दावा है कि परिसर में संवासनियों के लिए ठंड से बचने को भी पूरे इंतजाम हैं। परिसर में ब्लोअर के अलावा पर्याप्त कंबल, रजाइयां, गरम कपड़े आदि उपलब्ध हैं।
पुराने मामलों के चलते संदेह में रहता है नारी निकेतन
केदारपुरम स्थित नारी निकेतन हमेशा से सुर्खियों में रहा है। भले ही यहां मोनिका की मौत स्वाभाविक हो, लेकिन पिछले कुछ मामलों को देखकर किसी भी मौत पर संदेह होना लाजिमी है। इसी को ध्यान में रखते हुए अपर सविच योगेंद्र यादव ने मुख्य प्रोबेशन अधिकारी मोहित चौधरी को मामले की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
दरअसल, कुछ साल पहले यहां भर्ती एक संवासिनी से दुष्कर्म और उसके बाद भ्रूण को छिपाने का मामला सामने आया था। इस मामले में तमाम बड़े से लेकर छोटे अफसर नप गए थे। वर्ष 2015 में भी यहां पर एक के बाद एक पांच संवासनियों की मौत हो गई थी। तब नारी निकेतन प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगे थे।
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