Move to Jagran APP

ठंड में सड़क से बर्फ हटाते बीआरओ के जवान और श्रमिकों के जज्बे को सेल्यूट

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 75 किलोमीटर दूर हर्षिल के पास खून जमा देने वाली ठंड में सड़क से बर्फ हटाते बीआरओ के जवान और श्रमिकों के जज्बे को सेल्यूट।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 08:50 PM (IST)
ठंड में सड़क से बर्फ हटाते बीआरओ के जवान और श्रमिकों के जज्बे को सेल्यूट
ठंड में सड़क से बर्फ हटाते बीआरओ के जवान और श्रमिकों के जज्बे को सेल्यूट

देहरादून, देवेंद्र सती। शून्य डिग्री तापमान में पसीने से तरबतर श्रमिकों को देख पहाड़ का यह सच भी उजागर हो जाता है। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 75 किलोमीटर दूर हर्षिल के पास खून जमा देने वाली ठंड में सड़क से बर्फ हटाते बीआरओ के जवान और श्रमिकों के जज्बे को सेल्यूट। सड़क पर जमी तीन से चार फीट बर्फ के बीच वादियों में गूंज रही है जेसीबी की गड़गड़ाहट। चीन सीमा को जोडऩे वाली इस सड़क पर आवाजाही बहाल करनी  जरूरी है। सेना के वाहन आसानी से आ-जा सकें इसीलिए बीआरओ की टीम लगातार कार्य में जुटी है। सड़क साफ करने में जुटे दर्जन भर श्रमिकों में शामिल झारखंड के शंकर सिंह कहते हैं 'हमारे लिए धूप हो या बर्फबारी दोनों ही चुनौती हैं। धूप निकलते ही हिमखंड कब दरक जाएं कौन जानता है।' लेकिन सवाल सीमा पर तैनात जवानों का है, उन हिमवीरों के आगे ये चुनौती कुछ भी नहीं हैं।

loksabha election banner

पहाड़ कुरेदते सवाल

कहीं घी घना, कही मुट्ठी भर चना और कही वह भी मना। कुछ ऐसा ही हाल है उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का। चिकित्सक पहाड़ चढऩे को तैयार नहीं, शायद इसीलिए फिसल रहा है। पिछले दिनों पिथौरागढ़ जिले के एक गांव में प्रसव वेदना से कराहाती महिला को ग्रामीण डोली में लेकर निकटतम अस्पताल की ओर चले। सड़क चार किलोमीटर दूर थी। आधा रास्ता तय किया था कि दर्द चरम पर जा पहुंचा। लोगों ने महिला को एक खेत में लिटा दिया। तापमान माइनस तीन डिग्री सेल्सियस था और ऐसे में महिला ने बच्चे को जन्म दिया। इस कहानी की तो हैप्पी एंडिंग हो गई, लेकिन सवाल छोड़ गई। सवाल वही डंड़ी कंडी एंबुलेंस, शीतकाल में गर्भवती महिलाओं को प्रसव से पहले निकटतम स्वास्थ्य केंद्र तक लाना और भी न जाने कौन-कौन सी योजनाएं। क्या सरकार को इन योजनाओं की याद है, पता नहीं, यदि याद होती तो ऐसा क्यों होता।

नीति और नीयत

उत्तराखंड के सभी कॉलेज परिसर वाई-फाई से लैस होंगे, लेकिन छात्र-छात्राओं के लिए परिसर में मोबाइल ले जाने की मनाही रहेगी! सुनने में अजीबोगरीब जरूर लग रहा होगा, लेकिन है सोलह आना सच। चौंकिएगा नहीं, प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डा. धन सिंह रावत इस दूर की कौड़ी खोजकर लाए हैं। मंत्रीजी के इस नुस्खे का कोई जवाब नहीं। छात्र-छात्राओं में कसमसाहट है, समझ नहीं पा रहे है कि यह कैसा वाई-फाई कैंपस। उनकी जुबां की बातें छनकर मंत्रीजी के कानों तक पहुंची तो वे थोड़ा सकुचा गए और बोले, अभी फैसला नहीं किया है। इस पर बच्चों से रायशुमारी करेंगे। अगर 55 फीसद की 'हां' हुई तो इस नुस्खे आजमाएंगे, नहीं तो ...। मंत्रीजी, जोर देकर यह भी कह रहे हैं कि कालेज को आधुनिक तकनीक से जोड़ना उनका सपना है। भला, उन्हें कौन समझाए कि नीति और नीयत के विरोधाभास से जनमानस में भ्रम पैदा हो रहा है। 

...और यह भी

आमतौर ऐसे दृश्य नेताओं और सेलेब्रिटी के लिए आम होते हैं, लेकिन एक सरकारी डॉक्टर के लिए तो ऐसा स्वागत किसी सपने से कम नहीं। श्रीनगर स्थित राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गोङ्क्षवद पुजारी अपने स्वागत में उमड़े सैलाब को देख हैरत में थे। डॉ. पुजारी ने पहाड़ पर तैनाती स्वेच्छा से चुनी है।

यह भी पढ़ें: ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर संवारने में जुटे हैं डॉ. अनिल प्रकाश जोशी

इस अभूतपूर्व स्वागत में छिपी है पहाड़ की पीड़ा। जिस अस्पताल में डॉ. पुजारी ने कार्यभार संभाला आठ साल पहले भी वह वहीं तैनात थे, लेकिन सिस्टम की खामियां देखिए, इस अरसे में वहां बाल रोग विशेषज्ञ का पद कामचलाऊ व्यवस्था के तहत रहा। यहां सात ईएमओ की जगह है और तैनात हैं तीन, पैथोलॉजिस्ट तक नहीं है। श्रीनगर गांव नहीं, पहाड़ का विकसित शहर है। ऐसे में दूरदराज के गांव के बारे में क्या कहें। उन्हें तो भगवान कहा जाने वाले डॉक्टर किस्मत से ही मिलता है।

यह भी पढ़ें: मैती आंदोलन के प्रणेता को मिला पर्यावरण संरक्षण का ईनाम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.