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उत्तराखंड में फिर हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे कर्मचारी, जानिए क्या है वजह

उत्तराखंड के सफाई कर्मचारी फिर से हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। कर्मचारियों की जुलाई में आठ दिन की हड़ताल को 27 जुलाई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हुई वार्ता के बाद स्थगित कर दिया गया था।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 10:20 AM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 10:20 AM (IST)
उत्तराखंड में फिर हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे कर्मचारी, जानिए क्या है वजह
उत्तराखंड में फिर हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे कर्मचारी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। मांगें पूरी न होने से नाराज राज्य के सफाई कर्मचारी फिर से हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। कर्मचारियों की जुलाई में आठ दिन की हड़ताल को 27 जुलाई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हुई वार्ता के बाद स्थगित कर दिया गया था। अब प्रदेश के समस्त सफाई कर्मचारियों के संगठन 'उत्तराखंड वाल्मीकि स्वच्छकार संयुक्त मोर्चा' ने राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। इसी कड़ी में संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने शनिवार को दून महापौर सुनील उनियाल गामा और नगर आयुक्त अभिषेक रूहेला से मुलाकात कर ज्ञापन दिया।

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संविदा समेत दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मचारियों को नियमित करने की मांग के साथ ही अन्य मांगों पर गत बीस जुलाई से देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के बैनर तले सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। समस्त नगर निकायों में कूड़ा उठान व सफाई का कार्य ठप कर दिया गया था। जिस कारण ज्यादातर शहरों में गंदगी के ढेर लग गए थे। हालांकि, नियमित सफाई कर्मी हड़ताल में शामिल नहीं थे, लेकिन हड़ताल को उनका समर्थन जरूर था।

उन शहरों के हालात बेहद खराब हो गए थे, जहां संविदा व दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मचारियों की बड़ी संख्या है। सरकार हड़ताल खत्म करने के प्रयास में जुटी रही लेकिन असफल होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं ही कमान संभाली और 27 जुलाई को हड़ताल स्थगित करा दी। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया था कि मांगों का उचित हल निकाल लिया जाएगा। अब कर्मचारियों ने मांगों पर करीब ढाई माह बाद भी कोई निर्णय नहीं होने पर आक्रोश जताया है।

उत्तराखंड वाल्मीकि स्वच्छकार संयुक्त मोर्चा ने शनिवार को महापौर गामा व नगर आयुक्त को ज्ञापन देकर आपत्ति दर्ज कराई। मोर्चा के मुख्य संयोजक भगवत प्रसाद मकवाना के नेतृत्व में पहुंचे सफाई कर्मियों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने रिक्त चल रहे पदों पर भर्ती, प्रतिमाह मानदेय बढ़ा दस हजार रुपये करने और अन्य मांगों पर गंभीरता से विचार कर उचित हल निकालने का भरोसा दिय था, लेकिन कोई हल नहीं निकला है।

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ऐसे में कर्मचारी 23 अक्टूबर तक प्रदेश में सभी निकायों के जरिये मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन सौपेंगे और उसके बाद हड़ताल का फैसला लिया जाएगा। इस दौरान अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ के नगर निगम अध्यक्ष राजेश कुमार, महामंत्री धीरज कुमार समेत नीतू वाल्मीकि, मदन वाल्मीकि समेत धर्मपाल घाघट आदि मौजूद रहे।

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