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साध्वी उमा भारती ने बदरीनाथ धाम में पूजा अर्चना कर क‍िया ध्यान व तप

पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने बदरीनाथ धाम में पूजा अर्चना कर ध्यान तप किया। साध्वी उमा भारती बीती सायं केदारनाथ से जोशीमठ आई थी। उमा भारती ने सुबह ज्योतेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना के साथ ही रुद्राभिषेक पाठ में भी भाग लिया।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 05:29 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 09:08 PM (IST)
साध्वी उमा भारती ने बदरीनाथ धाम में पूजा अर्चना कर क‍िया ध्यान व  तप
बदरीनाथ धाम के दर्शन कर मंदिर परिसर में बाहर आती पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती।

 देहरादून, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने गुुुरुवार को बदरीनाथ धाम में पूजा अर्चना कर ध्यान, तप किया। साध्वी उमा भारती बुधवार शाम  केदारनाथ से जोशीमठ आई थी। उमा भारती ने सुबह ज्योतेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना के साथ ही रुद्राभिषेक पाठ में भी भाग लिया। इसके बाद उन्‍होंंने  बदरीनाथ के लिए प्रस्थान किया।

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दोपहर को बदरीनाथ धाम में साध्वी उमा भारती ने पुरुषोत्तम मास में पुरुषोत्तम योग गीता पाठ किया। बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि उन्होंने उमा भारती की पूजा अर्चना कराई। साध्वी उमा भारती ने बदरीनाथ स्थित भगवत माई की कुटिया में जाकर एक घंटे तक ध्यान, तप किया। साध्वी उमा भारती बदरीनाथ दर्शनों के बाद जोशीमठ लौटी। इन दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री व भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री सुश्री उमा भारती बदरीनाथ व केदानाथ यात्रा पर हैं। बीते सोमवार को केदारनाथ धाम पहुंचकर उन्‍होंने बाबा केदार के दर्शन किए थे। मंदिर परिसर में स्थित नंदी की मूर्ति से ही भगवान केदार के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने धाम में मौजूद यात्रियों, मंदिर कर्मचारी व अन्य किसी से भी कोई मुलाकात नहीं की। कोरोना संक्रमण के चलते उन्होंने स्वयं ही दूरी बनाए रखी। दर्शन के उपरांत वे अपने कक्ष में चली गई थी। वे शाम को बाबा केदार की सायंकालीन आरती में भी शामिल हुई। 

केदारनाथ धाम से भी है विशेष लगाव

पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती का केदारनाथ धाम से विशेष लगाव है। आपदा के बाद वे प्रतिवर्ष यात्राकाल में यहां आती रही हैं। वर्ष 2016 में कपाट बंद होने के बाद भी वे यहां दो दिन तक साधना में लीन रही। इस दौरान उन्होंने नई दिल्ली से अधिकारियों को बुलाकर धाम में आपदा के दौरान मलबे में दबे प्राचीन कुंडों के पुनरूद्धार को लेकर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी दिए थे। 

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