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नर्सरी में दाखिले की प्रतिपूर्ति को तैयार नहीं केंद्र सरकार

केंद्र सरकार प्री नर्सरी-नर्सरी में दाखिल होने वाले बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार को देने को तैयार नहीं है।

By Edited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 08:16 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 02:39 PM (IST)
नर्सरी में दाखिले की प्रतिपूर्ति को तैयार नहीं केंद्र सरकार
नर्सरी में दाखिले की प्रतिपूर्ति को तैयार नहीं केंद्र सरकार

देहरादून, राज्य ब्यूरो। एक ओर शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत पब्लिक स्कूलों में दाखिल बच्चों की फीस का बोझ हर साल बढ़ता जा रहा है, दूसरी ओर केंद्र सरकार प्री नर्सरी-नर्सरी में दाखिल होने वाले बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार को देने को तैयार नहीं है। ऐसे में आने वाले समय में राज्य सरकार नर्सरी व प्री-नर्सरी में बच्चों को दाखिल दिलाने से पीछे हट सकती है। फिलवक्त अभिभावकों के लिए राहत की बात ये है कि चालू नए शैक्षिक सत्र में नर्सरी कक्षाओं में दाखिले बदस्तूर होंगे। वहीं इस वर्ष राज्य के तीन जिलों देहरादून, हरिद्वार और चमोली में ही आरटीई के तहत निजी स्कूलों में बच्चों के दाखिले ऑनलाइन होंगे। शेष 10 जिलों में यह प्रक्रिया ऑफलाइन यानी मैनुअल संपन्न कराई जाएगी। 

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प्रदेश में निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में दाखिल बच्चों की फीस का खर्च तकरीबन 130 करोड़ तक पहुंच गया है। इसकी तुलना में केंद्र से होने वाली प्रतिपूर्ति काफी कम है। केंद्र सरकार राज्य की मांग के मुताबिक पूरी धनराशि की प्रतिपूर्ति को तैयार नहीं हो रही है। कक्षा एक से पहले नर्सरी और प्री नर्सरी में दाखिल लेने वाले बच्चों के फीस का खर्च उठाने में केंद्र की रुचि नहीं है। इस वजह से राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। केंद्र से पैसा नहीं मिलने के कारण निजी स्कूलों को भी बकाया फीस भुगतान में दिक्कतें पेश आ रही हैं।

ऐसे में आश्चर्य नहीं कि राज्य सरकार प्री नर्सरी में दाखिले से कदम पीछे खींच ले। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस मामले में शासन स्तर पर विचार भी हुआ, लेकिन अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया। केंद्र के समक्ष भी नर्सरी की फीस की प्रतिपूर्ति का मुद्दा उठाया जा चुका है, लेकिन अभी केंद्र ने इस पर हामी नहीं भरी है। अभिभावकों के लिए बीते एक अप्रैल से शुरू हो चुके नए शैक्षिक सत्र में यह सुकून बरकरार रखा गया है। 

नए सत्र में आरटीई के तहत किए जा रहे दाखिलों में व्यवस्था को दुरुस्त भी किया गया है। चालू सत्र में तय टाइमफ्रेम में ही ये दाखिले होंगे। 12 मई के बाद ऐसे दाखिले नहीं होंगे। आने वाले वर्षों में सभी 13 जिलों में ये दाखिले ऑनलाइन ही किए जाने की तैयारी है। समग्र शिक्षा अभियान के अपर राज्य परियोजना निदेशक एसबी जोशी ने बताया कि इस सत्र में बतौर पायलट प्रोजेक्ट ऑनलाइन दाखिले तीन जिलों देहरादून, हरिद्वार और चमोली में होंगे। शेष जिलों टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में निजी स्कूलों में बच्चों के दाखिले ऑफलाइन किए जाएंगे। विद्यालयी शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने तय टाइमफ्रेम में ही आरटीई के तहत होने वाली दाखिला प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

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