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अहम मामलों पर फैसले के लिए होने जा रही आरटीए की बैठक निरस्त, जानिए अब कब होगी

कई अहम मामलों पर फैसलों को लेकर सोमवार को होने जा रही संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक निरस्त कर दी गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 05:32 PM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 05:32 PM (IST)
अहम मामलों पर फैसले के लिए होने जा रही आरटीए की बैठक निरस्त, जानिए अब कब होगी
अहम मामलों पर फैसले के लिए होने जा रही आरटीए की बैठक निरस्त, जानिए अब कब होगी

देहरादून, जेएनएन। दस साल पुराने वाहनों के संचालन पर रोक को लेकर नीति बनाने समेत कई अहम मामलों पर फैसलों को लेकर सोमवार को होने जा रही संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक निरस्त कर दी गई है। प्राधिकरण के सचिव और आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई के मुताबिक जिला पंचायत में अध्यक्ष-ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव को लेकर आचार संहिता प्रभावी होने से बैठक को निरस्त कर दिया गया है। बैठक की नई तिथि आचार संहिता समाप्त होने के बाद तय की जाएगी। 

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चार नवंबर को होने जा रही संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की बैठक को लेकर ट्रांसपोर्टरों में उत्साह और विरोध दोनों थे। उत्साह नए परमिटों को लेकर था तो विरोध दस साल पुराने वाहनों पर पाबंदी से जुड़ी नीति को लेकर। बैठक में दस साल पुराने वाहनों को लेकर होने वाले फैसले के विरोध में ट्रांसपोर्टरों ने अभी से आंदोलन व हड़ताल की तैयारी भी कर ली थी। शुक्रवार को ऋषिकेश में ट्रांसपोर्ट महासंघ की बैठक भी हुई। इस बीच शुक्रवार देर शाम आरटीए ने बैठक निरस्त करने का फैसला ले लिया। जिससे ट्रांसपोर्टरों को फिलहाल राहत मिली है। 

बैठक में शहर में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में वृद्धि करते हुए परेड ग्राउंड और रायपुर से मालदेवता मार्ग पर सिटी बसों की संख्या बढ़ाने पर भी फैसला होना था। यही नहीं परेड ग्राउंड से शिमला बाइपास पर भी मिनी बसों की संख्या बढ़ाई जानी थी। शहर में आंतरिक मार्गों पर टाटा मैजिक भी बढ़ाने पर फैसला होना था। तकरीबन एक वर्ष के बाद होने जा रही प्राधिकरण बैठक में प्रमुख एजेंडा परिवहन सेवाओं में बढ़ोत्तरी का था। 

आरटीए सचिव दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि दस साल पुराने वाहनों पर प्रतिबंध जैसी अभी कोई बात नहीं है। एनजीटी द्वारा मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए थे कि प्रदूषण के लिहाज से दस साल पुराने वाहनों को लेकर कोई नीति बनाई जाए। इसके बाद परिवहन मुख्यालय ने सभी आरटीओ को इस विषय पर मंथन करने को कहा। इसमें नीति बनाई जानी है कि कैसे पुराने वाहनों को धीरे-धीरे चलन से बाहर किया जा सके। केंद्र सरकार की ओर से भी काम चल रहा है। जल्द ही केंद्र ने नए आदेश आ सकते हैं। 

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चाइल्ड सीट को लेकर होगी चेकिंग 

प्रदेश में एक नवंबर से कार में चाइल्ड सीट को लेकर जुर्माने का प्रावधान लागू होने के बाद परिवहन विभाग ने अभियान चलाने की तैयारी कर ली है। अब चाइल्ड सीट न होने पर एक हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। इसके साथ ही ध्वनि और वायु प्रदूषण को लेकर ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। आरटीओ पठोई ने बताया कि नए एमवी एक्ट के बाकी नियम पहले ही लागू हो चुके थे। इन दो धाराओं में जुर्माना कंपाउंडिंग के बाद एक नवंबर से लागू किया गया है। 

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