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देवभूमि में आमजन को 'हरित घर' के लिए प्रेरित करेगा संघ, जानिए इस अभियान के बारे में

RSS Environmental Activity राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देवभूमि उत्तराखंड में हरित घर अभियान तेज करने का निश्चय किया है। इसके तहत घर में पांच बिंदुओं जल संरक्षण ऊर्जा संरक्षण पौधारोपण कचरा प्रबंधन और पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था पर खास फोकस किया जा रहा है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 07:05 AM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 07:05 AM (IST)
देवभूमि में आमजन को 'हरित घर' के लिए प्रेरित करेगा संघ, जानिए इस अभियान के बारे में
देवभूमि में आमजन को 'हरित घर' के लिए प्रेरित करेगा संघ, जानिए इस अभियान के बारे में।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। RSS Environmental Activity विश्वभर में पर्यावरण की बिगड़ती सेहत एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आई है। ऐसे में यदि घर से ही परिवेश की स्वच्छता को लेकर पहल हो तो यह पर्यावरण संरक्षण में बड़ी मददगार साबित हो सकती है। इस मंशा के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देवभूमि उत्तराखंड में 'हरित घर' अभियान तेज करने का निश्चय किया है। इसके तहत घर में पांच बिंदुओं जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, पौधारोपण, कचरा प्रबंधन और पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था पर खास फोकस किया जा रहा है। संघ की पर्यावरण गतिविधि के उत्तराखंड संयोजक डा आरबीएस रावत के अनुसार राज्य के सभी जिलों में इस अभियान के लिए पर्यावरण प्रहरी बनाए जा रहे हैं। ये सभी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जनता से संपर्क कर उसे हरित घर के लिए प्रेरित करेंगे।

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पर्यावरणीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील उत्तराखंड में हरित घर अभियान पर संघ ने अब खास फोकस किया है। हालांकि, अखिल भारतीय स्तर पर यह अभियान पिछले साल लांच किया गया, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसकी रफ्तार कुछ धीमी पड़ गई थी। अब इसे तेज किया जा रहा है। संघ की पर्यावरण गतिविधि के उत्तराखंड संयोजक एवं सेवानिवृत्त प्रमुख मुख्य वन संरक्षक डा आरबीएस रावत ने बताया कि उत्तराखंड के सभी जिलों में संघ के स्वयंसेवकों के साथ ही पर्यावरण संरक्षण से जुड़े व्यक्तियों को पर्यावरण प्रहरी बनाया जा रहा है।

डा रावत के अनुसार पर्यावरण प्रहरी और संघ के स्वयंसेवक आमजन से संपर्क कर उन्हें हरित घर की अवधारणा से रूबरू कराएंगे। इस दौरान घर में बिजली व पानी का दुरुपयोग रोकने के तौर-तरीकों के बारे में बताया जाएगा तो घर के इर्द-गिर्द खाली जमीन अथवा छत व बालकनी में गमलों में पौधारोपण के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही जैविक व अजैविक कचरे का घर से ही पृथक्कीकरण कर जैविक कचरे से खाद बनाने के बारे में जानकारी दी जाएगी। घरों के आसपास और छत पर पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन सभी बिंदुओं को लेकर आमजन के सजग व सतर्क होने पर वे एक प्रकार से पर्यावरण संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे।

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प्लास्टिक कचरे से मुक्ति को अभियान

डा रावत ने कहा कि प्लास्टिक कचरा भी पर्यावरण के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। इसे देखते हुए दिसंबर तक राज्य को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने को भी अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान जनता को प्लास्टिक की खाली बोतलों को इधर-उधर फेंकने की बजाए एकत्रित कर इन्हें ईको ब्रिक बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। ईको ब्रिक का दीवार निर्माण समेत अन्य कार्यों में उपयोग किया जा सकता है। इससे प्लास्टिक कचरे से निजात मिलेगी और इसका उपयोग भी हो सकेगा।

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