सिंचाई महकमे ने योजनाएं टुकड़ों में बांटीं, ठिकाने लगाए 28 करोड़ रुपये
सरकार ने 13.45 करोड़ से लागत से एक निर्माण योजना को मंजूर किया। सिंचाई महकमे का कमाल देखिए इस योजना के कार्यों को टुकड़ों में बांट दिया गया।
देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। सरकार ने 13.45 करोड़ से लागत से एक निर्माण योजना को मंजूर किया। सिंचाई महकमे का कमाल देखिए, इस योजना के कार्यों को टुकड़ों में बांट दिया गया। सहायक अभियंता के स्तर पर 167 अनुबंध, अधिशासी अभियंता स्तर के चार और अधीक्षण अभियंता स्तर के तीन अनुबंध समेत कुल 13.14 करोड़ के अनुबंध हुए। इसमें से 11.83 करोड़ को खर्च कर ठिकाने लगाए गए। प्रोक्योरमेंट नियमों को ताक पर रखकर उत्तरकाशी जिले के विभिन्न ब्लॉकों में तकरीबन 28.72 करोड़ के कार्यों में गड़बड़ी की गई। वित्तीय अनियमितता के इस खेल में कम जीएसटी का आकलन कर सरकार को भी राजस्व का चूना लगाया गया।
सिंचाई महकमे के इस कारनामे का खुलासा अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड उत्तरकाशी और पुरोला की वर्ष 2018-19 की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है। 50 लाख व एक करोड़ से ज्यादा राशि की स्वीकृत योजनाओं में नियमों का पालन करने के लिए प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है। प्रोक्योरमेंट नियमों का उल्लंघन कर उत्तरकाशी जिले के डूंडा ब्लॉक में जलकुर नदी के दोनों किनारों पर आबादी व कृषि भूमि की सुरक्षा के लिए 13 करोड़ 45 लाख 19 हजार लागत से मंजूर कार्य को टुकड़ों में बांटा गया। मार्च, 2019 तक योजना पर 11.83 करोड़ खर्च करने के बावजूद महकमे में पर 1.62 करोड़ की देनदारियां लंबित रहीं।
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इसीतरह भटवाड़ी ब्लॉक में ग्राम डिडसारी में बाढ़ सुरक्षा कार्यों के लिए 4.50 करोड़ लागत से मंजूर एक योजना को टुकड़ों में बांटकर 86 अनुबंध किए गए। सरकारी धन को इसतरह ठिकाने लगाने को ऑडिट ने नियमों की अनदेखी बताया है। उच्च स्तर से अनुमति लेने के झंझट से बचने यानी योजनाओं की धनराशि मनमाने तरीके से सिंचाई खंड ने 5.95 करोड़ राशि के अनुबंधों में भी अनियमितता बरती। सिंचाई खंड पुरोला अधिशासी अभियंता कार्यालय ने भी निर्माण कार्यों में नियमों को ताक पर रखकर करोड़ों की राशि खर्च कर दी।
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