आसान नहीं दीपावली से पहले रोडवेज को भुगतान
राज्य ब्यूरो देहरादून हाईकोर्ट द्वारा सरकार को परिवहन निगम (रोडवेज) के बकाये का भुगतान क
राज्य ब्यूरो, देहरादून: हाईकोर्ट द्वारा सरकार को परिवहन निगम (रोडवेज) के बकाये का भुगतान करने के आदेशों के बाद शासन में हड़कंप है। शासन उन तमाम बिंदुओं पर नजर दौड़ा रहा है जिससे रोडवेज को भुगतान किया जा सके। अभी शासन की प्राथमिकता रोडवेज को विभिन्न विभागों द्वारा दिए जाने वाले अवशेष भुगतानों को मुक्त करने की है। यह राशि सात करोड़ के आसपास है। इसके लिए इन विभागों से पत्राचार किया जा रहा है। हालांकि, हिल लॉस के पैसा फिलहाल शासन देने की स्थिति में नहीं है।
रोडवेज द्वारा सरकार के विभिन्न आदेशों और जनकल्याणकारी योजनाओं का तकरीबन 86 करोड़ रुपये शासन से लेना था। वहीं, सरकार ने वार्षिक बजट में रोडवेज के लिए केवल दस करोड़ का प्रावधान किया है। पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे रोडवेज के सामने स्थिति यह आई कि कर्मचारियों को वेतन तक देना मुश्किल हो गया। कुछ समय पहले जब रोडवेज कर्मियों ने दबाव बनाया तो सरकार ने रोडवेज को 17 करोड़ रुपये जारी कर दिए। इस बीच कोर्ट ने इस संबंध में रोडवेज कर्मियों द्वारा याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार को रोडवेज का बकाया 69 करोड़ रुपये का भुगतान दीपावली पूर्व करने के निर्देश दिए। सरकार की स्थिति अभी ऐसी है नहीं कि वह इतनी बड़ी राशि रोडवेज को दे सके। अब क्योंकि कोर्ट का आदेश है ऐसे में अब वित्त व परिवहन विभाग उन मदों की ओर नजरें दौड़ा रहा है जिनके तहत रोडवेज को भुगतान किया जाना है। इसके तहत विभिन्न मौकों पर विभागों द्वारा रोडवेज की सेवा लेने की एवज में किए जाने वाले भुगतान पर टिकी हुई है। इनमें समाज कल्याण, गृह, सूचना और आपदा शामिल हैं। शेष 60 करोड़ रुपये सरकार ने हिल लॉस के रूप में सीधे देना है तो फिलहाल ऐसा होता संभव नजर नहीं आ रहा है।
सचिव परिवहन शैलेश बगोली का कहना है कि शासन सभी मदों के अनुसार भुगतान के लिए प्रयास कर रही है। संबंधित विभागों से भी रोडवेज की अवशेष धनराशि अवमुक्त करने को पत्र लिखा जा रहा है।