उत्तराखंड: आंदोलन करने वाले कार्मिकों पर रोडवेज मुख्यालय सख्त, अनुपस्थिति दर्ज करने के आदेश
कमर्चारियों के आंदोलन से परेशान रोडवेज मुख्यालय ने सख्त कार्रवाई की तैयारी कर ली है। दो रोज पहले रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद और गुरुवार को उत्तराखंड रोडवेज इम्प्लॉइज यूनियन के आंदोलन में मौजूद सभी कार्मिकों की अनुपस्थिति दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।
देहरादून, जेएनएन। गुजरे कुछ दिनों से कमर्चारियों के आंदोलन से परेशान रोडवेज मुख्यालय ने सख्त कार्रवाई की तैयारी कर ली है। दो रोज पहले रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद और गुरुवार को उत्तराखंड रोडवेज इम्प्लॉइज यूनियन के आंदोलन में मौजूद सभी कार्मिकों की अनुपस्थिति दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। सभी मंडल प्रबंधकों और डिपो के सहायक महाप्रबंधकों को आदेश दिए गए हैं कि डयूटी पर गैर-हाजिर सभी कर्मचारियों को चिह्नित किया जाए और उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाए। इतना ही नहीं आंदोलन के चलते बस संचालन प्रभावित होने से हुई आर्थिक हानि का आंकलन भी किया जा रहा, जिसकी वसूली आंदोलन में शामिल कमर्चारियों से की जाएगी।
रोडवेज के महाप्रबंधक (संचालन) दीपक जैन ने गुरुवार को जारी आदेश में कहा कि कोरोना काल के चलते रोडवेज की वित्तीय स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। अक्टूबर के सीमित संख्या के साथ कुछ अंतरराज्यीय बसों का संचालन शुरू हुआ है, लेकिन अभी भी सुचारू संचालन होना बाकी है। बसों का संचालन सुचारू ना होने से निगम को काफी कम आय मिल रही है। यही वजह है कि निगम जून से अब तक कर्मचारियों का वेतन भी जारी नहीं कर पाया है। ऐसे में निगम किसी तरह बसों का संचालन बढ़ाकर आय बढ़ाने की कोशिश कर रहा। त्योहारी व शादी-ब्याह संबंधी पीक सीजन शुरू होने से यात्रियों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन कुछ कर्मचारी संगठन इस स्थिति में आंदोलन कर बस संचालन प्रभावित कर रहे हैं, जिससे निगम को जो आय मिल रही वह घटकर आधी रह गई है।
ऐसे में निगम का अस्तित्व खतरे में आ गया है।
महाप्रबंधक ने कहा कि मंगलवार को रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आंदोलन शुरू किया और एक दिवसीय कर बहिष्कार कर बस संचालन प्रबहवित किया। परिषद से जुड़े कमर्चारी सदस्यों ने डयूटी पर उपस्थित न होकर आंदोलन में भाग लिया, जिससे कई मार्गों पर बसें नहीं जा सकीं और निगम की छवि धूमिल हुई। इसके अलावा गुरुवार से उत्तराखंड रोडवेज इम्प्लॉइज यूनियन ने भी आंदोलन शुरू कर दिया। ऐसे में अगले कुछ दिनों में बस संचालन प्रभावित होने के आसार हैं। परिषद ने 28 अक्टूबर से प्रदेशव्यापी बेमियादी कार्य बहिष्कार का एलान किया हुआ है। ऐसे में सभी मंडल प्रबंधकों और डिपो के सहायक महाप्रबंधकों को आदेश दिए गए हैं कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों, चालक और परिचालकों पर नियंत्रण रखें और बस संचालन किसी सूरत में प्रभावित ना होने दें।
तीन दिन की होगी वसूली
महाप्रबंधक दीपक जैन ने सभी मंडलों और डिपो के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है कि मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को कर्मचारी आंदोलन कर चलते कौन-कौन सी बस सेवाएं स्थगित हुई। जिन कार्मिकों की बस संचालन में ड्यूटी लगी थी वे ड्यूटी पर उपस्थित हुए या नहीं। जो बसें स्थगित करनी पड़ीं उनसे प्रत्येक बस से कितनी आर्थिक हानि हुई। डिपो को कुल कितनी हानि हुई। इसका पूरा ब्यौरा बनाकर मुख्यालय को भेजने और नियमानुसार अनुपस्थित कर्मचारियों से इसकी वसूली करने के आदेश दिए गए हैं।
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नहीं होगा अवकाश स्वीकृत
रोडवेज मुख्यालय ने मंगलवार यानी 20 अक्टूबर और इसके बाद के कर्मचारियों के सभी अवकाश प्रार्थना पत्र नामंजूर कर दिए हैं। महाप्रबंधक ने आदेश दिए हैं कि जिन कर्मचारियों की बस संचालन में ड्यूटी लगी थी और वे गैरहाजिर रहे या अवकाश का प्रार्थना पत्र दिया गया हो, उनके प्रार्थना पत्र स्वीकृत ना किये जायें। शुक्रवार से अग्रिम आदेशों तक कर्मचारी आंदोलन के चलते जितनी बस सेवाएं प्रभावित होंगीं, उनकी नियमित रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाए। इससे हुई आर्थिक हानि की रिपोर्ट तैयार कर वसूली के लिए संबंधित कर्मचारी संघठन को भेजी जाएगी। यह राशि ना देने पर कमर्चारियों के वेतन से इसकी कटौती की जाएगी।
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