अनुबंधित बस ऑपरेटरों को लाभ पहुंचाने पर परिषद नाराज, आंदोलन की दी चेतावनी
रोडवेज में अनुबंधित बस ऑपरेटरों को अनुचित लाभ पहुंचाने के मामले में रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आंदोलन की चेतावनी दी है। आरोप है कि रुड़की डिपो में अनुबंधित ऑपरेटर ने सात बार निर्धारित समय पर बस ले जाने से मना कर दिया।
देहरादून, जेएनएन। नियमों को ताक पर रखकर रोडवेज में अनुबंधित बस ऑपरेटरों को अनुचित लाभ पहुंचाने के मामले में रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आंदोलन की चेतावनी दी है। आरोप है कि रुड़की डिपो में अनुबंधित ऑपरेटर ने सात बार निर्धारित समय पर बस ले जाने से मना कर दिया। ऐसे में ऑपरेटर पर 5000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन किसी से भी यह वसूली नहीं की गई।
मंडलीय प्रबंधक देहरादून को सोमवार को दिए आंदोलन के नोटिस में संयुक्त परिषद के क्षेत्रीय अध्यक्ष मेजपाल सिंह और मंत्री राकेश पेटवाल ने बताया कि निर्धारित समय पर बस न ले जा पाने की सूचना अनुबंधित बस ऑपरेटर को पहले देनी होती है। इसके बावजूद रुड़की डिपो में सांठगांठ चल रही। आरोप है कि सात बार बसें निर्धारित समय पर नहीं गईं और इसकी सूचना आपरेटर ने कईं घंटे बाद दी। बसों के अवकाश प्रार्थना पत्र कईं दिन बाद दिए गए। जबकि, नियम में तय है कि अवकाश प्रार्थना पत्र भी बस के शेड्यूल से पहले दिया जाता है। जिससे यात्रियों को परेशानी हुई व रोडवेज को भी आर्थिक हानि हुई। इसके अलावा परिषद ने पूर्व में दिए नोटिस पर समझौता वार्ता होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर भी नाराजगी जताई।
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परिषद ने चार माह का वेतन भुगतान करने, अतिकाल, सेवानिवृत्ति के लंबित देय, ग्रेच्युटी, एरियर का तत्काल भुगतान करने की मांग की। मृतक आश्रितों को नियुक्ति देने जबकि नियमित कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के बाद रिक्त पदों पर विशेष श्रेणी कर्मचारियों को नियुक्ति देने की मांग की गई। खराब टिकट मशीनों के स्थान पर नई ई-टिकट मशीनें लेने और कार्यशाला में स्पेयर्स पार्ट्स की आपूर्ति करने की मांग भी की गई। पिछले साल 25 सितंबर को निगम की दो बसों को निर्धारित रूट के बदले एक संगठन के कार्यक्रम में कोटद्वार ले जाने के मामले में कार्रवाई की मांग की गई। परिषद ने प्रबंधन को कार्रवाई के लिए 28 सितंबर तक का वक्त दिया है। मांगे न माने जाने पर 29 सितंबर से मंडलीय प्रबंधक कार्यालय में धरना-प्रदर्शन का एलान किया है।
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