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रोडवेज कर्मचारियों को अबतक नहीं मिला जुलाई का वेतन, काटा हंगामा कर

उत्तराखंड रोडवेज में वेतन के भी लाले पड़ गए हैं। आधा माह बीतने जा रहा है और कर्मियों को अब तक जुलाई का वेतन भी नहीं मिला है। इससे गुस्साए कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर हंगामा किया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 01:50 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 01:50 PM (IST)
रोडवेज कर्मचारियों को अबतक नहीं मिला जुलाई का वेतन, काटा हंगामा कर
रोडवेज कर्मचारियों को अबतक नहीं मिला जुलाई का वेतन, काटा हंगामा कर

देहरादून, जेएनएन। सालाना करीब दो सौ करोड़ रुपये के घाटे में चल रहे उत्तराखंड रोडवेज में वेतन के भी लाले पड़ गए हैं। आधा माह बीतने जा रहा है और कर्मचारियों को अब तक जुलाई का वेतन भी नहीं मिला है। इससे गुस्साए कर्मचारियों ने गुरुवार को हरिद्वार रोड स्थित कार्यशाला में प्रदर्शन कर हंगामा किया। कर्मचारियों ने कहा कि अगर वेतन जारी नहीं किया गया तो उनके परिवार पर खाने का भी संकट खड़ा हो जाएगा।

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रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने वेतन जारी न होने तक कार्यशाला के बाहर रोज एक घंटे प्रदर्शन का एलान किया है। निगम प्रबंधन के विरुद्ध नारेबाजी कर कर्मचारियों ने कहा कि इस हालत में राजकीयकरण ही एकमात्र विकल्प है। परिषद के नेताओं ने कहा कि प्रबंधन नियमित और विशेष श्रेणी के कर्मियों के लंबित देय का भी भुगतान नहीं कर रहा। कर्मियों को अब तक जुलाई का वेतन नहीं मिला। सरकार पर करोड़ों रुपये बकाया है लेकिन उसका भी भुगतान नहीं किया जा रहा। छह वर्ष से राष्ट्रीय छुट्टियों के देय का भुगतान नहीं हुआ, छह वर्ष से परिवहन भत्ता नहीं मिला और 40 माह से अतिकाल भत्ता नहीं दिया गया। 

परिषद के प्रांतीय नेताओं ने कहा कि तय नियमानुसार वेतन पहली तारीख तक मिल जाना चाहिए लेकिन प्रबंधन ऐसा करने में विफल साबित हो रहा। अब तक जुलाई का वेतन नहीं मिला, अगस्त व सितंबर का कम मिलेगा, इस पर संशय बना है। 

ढाबे पर लूट-खसोट में बैठाई जांच 

गत चार सितंबर को हल्द्वानी से दून आ रही काठगोदाम डिपो की बस को जसपुर में गैर-अनुबंधित ढाबे पर रोकने व यात्रियों से लूट-खसोट के मामले में रोडवेज प्रबंधन ने जांच बैठा दी है। काठगोदाम डिपो एजीएम सुरेश सिंह चौहान ने वरिष्ठ केंद्र प्रभारी को जांच सौंपी है। बता दें कि, बस रोडवेज से गैर-अनुबंधित ढाबे पर रोकी गई थी, जहां यात्रियों को मनमाने रेट पर खाने का सामान दिया गया था। 

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आरोप है कि बस चालक और परिचालक ने खुद को बचाने के लिए चार सितंबर की सुबह की अनुबंधित ढाबे की पर्ची लगाई, जबकि बस रात को गुजरी थी। चालक-परिचालक से गैर-अनुबंधित ढाबे पर बस रोकने और झूठी पर्ची देने को लेकर जवाब मांगा गया है। वहीं, प्रबंधन ने कुमाऊं रूट पर जसपुर स्थित संग रेस्टोरेंट का अनुबंध तीन माह के लिए बढ़ा दिया है। 

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