Road Safety With Jagran: ओवरलोडिंग, ओवरस्पीड, तीखे मोड़, खराब सड़कें, नशे में वाहन चलाना हादसे की प्रमुख वजह
Road Safety With Jagran देहरादून जनपद के पर्वतीय क्षेत्र में ओवरलोडिंग ओवरस्पीड तीखे मोड़ खराब सड़कें नशे में वाहन चलाना आदि हादसे की प्रमुख वजह हैं। यहां प्रस्तुत हैं एआरटीओ विकासनगर आरएस कटारिया के साथ बातचीत के अंश।
पछवादून के अपेक्षा जौनसार-बावर में ज्यादा हादसे होते हैं। पर्वतीय क्षेत्र में ओवरलोडिंग, खराब सड़कें, तीखे मोड़ हादसे की प्रमुख वजह हैं। जहां हादसे में जनहानि भी ज्यादा होती हैं। जबकि मैदानी क्षेत्र पछवादून में ओवरस्पीड, रांग साइड जाकर ओवरटेकिंग, नशे में वाहन चलाने की वजह से हादसे अधिक होते हैं। यहां पर आमने सामने की टक्कर के केस भी ज्यादा हैं। इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए हमारे संवाददाता राजेश पंवार ने एआरटीओ विकासनगर आरएस कटारिया के साथ बातचीत की है।
प्रश्न-सड़क सुरक्षा को लेकर परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के क्या मानक हैं।
- उत्तर-सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी के निर्देश के चलते रेड लाइट जंप करने, नशे में वाहन चलाने, भारी वाहन में सवारियां ढोने, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करने आदि मामलों में 90 दिन के लिए वाहन चालक का लाइसेंस निलंबित किया जाता है। चालान व अर्थदंड की कार्रवाई भी की जाती है।
प्रश्न- मैदानी क्षेत्र और पर्वतीय इलाकों में सड़क हादसे रोकने के लिए विभाग की ओर से क्या उपाय किए जा रहे हैं।
- उत्तर- यातायात नियमों के उल्लंघन पर चालान व वाहनों को सीज करने, लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई की जाती है। समय-समय पर वाहन चालकों को जागरूक किया जाता है। जल्द ही कालसी में जौनसार-बावर के यूटीलिटी व पिकअप वाहन चालकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिसकी तिथि अभी तय होनी बाकी है।
प्रश्न- सड़क हादसों की प्रमुख वजह क्या है और इसकी रोकथाम के लिए विभाग की क्या कार्य योजना है।
- उत्तर : मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों में हादसे की वजह अलग-अलग है। पहाड़ में आमने-सामने की टक्कर के केस नाममात्र के हैं। पर्वतीय क्षेत्र में खराब सड़कें, ओवरलोडिंग, तीखे मोड़ हादसे की वजह बनती हैं। मैदानी क्षेत्र में ओवरस्पीड, रांग साइट ओवरटेकिंग की वजह से हादसे अधिक होते हैं। हादसे रोकने को लोगों को जागरूक किया जा रहा है। आरटीओ, एआरटीओ स्तर से टीमें चेकिंग अभियान चलाती रहती हैं।
प्रश्न=क्षेत्र में सड़कों की स्थिति कैसी है और यहां निजी एवं कामर्शियल वाहनों की रुटीन चेकिंग के लिए विभाग के कितने सचल दस्ते हैं।
- उत्तर = सड़कों की दशा कहीं खराब तो कहीं पर औसत है। कालसी-चकराता मोटर मार्ग, हरिपुर कोटी मीनस मार्ग, त्यूणी चकराता मसूरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर हादसे के दौरान वाहन के खाई में गिरने पर पूरी गाड़ी नष्ट हो जाती है। जनहानि भी यहां ज्यादा होती है। जबकि पछवादून के मैदानी इलाकों में देहरादून-पांवटा व दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर कई पुलों की इंजीनियरिंग सही नहीं है। लेहमन पुल पर तो अक्सर हादसे होते रहते हैं। एलएमवी लाइसेंस पर ही अब प्राइवेट की जगह कामर्शियल वाहन संचालित करने की अनुमति मिलने के बाद हादसों की संख्या में इजाफा हुआ है।
प्रश्न- परिवहन विभाग की ओर से पछवादून और जौनसार में सड़क हादसे का कोई डेटा विभाग द्वारा अपडेट किया जाता है अथवा नहीं।
- उत्तर -रोड सेफ्टी के बारे में पुलिस व एआरटीओ की जिम्मेदारी के साथ ही व्यक्ति की स्वयं की जिम्मेदारी भी है कि वह यातायात नियमों का पालन करते हुए वाहन चलाए। सड़क हादसों का डेटा पुलिस विभाग अपडेट करता है। एआरटीओ प्रवर्तन कार्रवाई में अप्रैल से अक्टूबर तक ओवरस्पीड, ओवरलोडिंग, भार वाहन में सवारी होने, वाहन चलाते समय फोनप पर वार्ता करने समेत अन्य अभियोगों में 2789 चालान किए गए, 196 वाहन सीज किए गए। इन वाहनों से प्रशमन शुल्क 89.26 लाख रुपये वसूल किया गया।
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