कागजों में बन गई सड़क, धरातल पर निशान भी नहीं
विकासनगर ह्यूमन राइट्स एंड आरटीआइ एसोसिएशन अध्यक्ष व महासचिव ने आरटीआइ में प्राप्त सूचनाओं का गुरुवार को भौतिक सत्यापन किया। एसोसिएशन का आरोप है कि जहां पर सड़क निर्माण दर्शाया गया है वहां पर सड़क निर्माण का निशान तक नहीं है। इ विकासनगर ह्यूमन राइट्स एंड आरटीआइ एसोसिएशन अध्यक्ष व महासचिव ने आरटीआइ में प्राप्त सूचनाओं का गुरुवार को भौतिक सत्यापन किया। एसोसिएशन का आरोप है कि जहां पर सड़क निर्माण दर्शाया गया है वहां पर सड़क निर्माण का निशान तक नहीं है।
जागरण संवाददाता, विकासनगर: ह्यूमन राइट्स एंड आरटीआइ एसोसिएशन अध्यक्ष व महासचिव ने आरटीआइ में प्राप्त सूचनाओं का सत्यापन करने के मकसद से गुरुवार को क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि कागजों में जहां पर सड़क निर्माण दर्शाया गया है, वहां पर सड़क निर्माण कराया ही नहीं गया है। इस मामले में एसोसिएशन ने विधिवत जांच की मांग भी की।
एसोसिएशन अध्यक्ष अरविद शर्मा व महासचिव भाष्कर चुग का आरोप है कि जिन कार्यो के बारे में उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत ब्यौरा मांगा उसके जरिए बड़े मामले सामने आ रहे हैं। कहा कि प्राप्त सूचनाओं के विवरण में जहां कार्य दर्शाया गया है वहां मौके पर कुछ हुआ ही नहीं है। इसमें प्रमुख रूप से डॉक्टरगंज में संजय थापा के घर से गुलशन के घर तक 8.30 लाख रुपये की लागत से जो सड़क 15 सितंबर 19 तक पूर्ण होनी थी, वह आज भी मौके पर नहीं बनी है। इसी प्रकार 2.30 लाख रुपये की लागत से नवाबगढ़ में अब्दुल रहमान के घर से सुलेमान के घर तक सीसी मार्ग 20 जुलाई 19 तक पूर्ण होना था, वह आज भी मौके पर नहीं है। इसी प्रकार से शक्ति विहार में पूर्व राज्यसभा सांसद राज बब्बर की सांसद निधि से बने मार्ग को सिलेक्शन बांड पर एक ठेकेदार को तीन लाख रुपये की लागत पर दे दिया गया, जबकि अप्रैल में ही यह कार्य सांसद निधि से पूर्ण होना दर्शाया गया है। इसी कार्य को ही दोबारा से 11 मई 20 को अनुबंध कर लिया गया। चार लाख रुपये की लागत से मदीना बस्ती में इमरान की डेरी से रमजान के घर तक सीसी मार्ग का कार्य 13 नवंबर 20 तक पूर्ण होना था, लेकिन वहां भी मौके पर सड़क नहीं है। एसोसिएशन के अध्यक्ष व महासचिव ने कहा कि आज मात्र चार स्थानों का दौरा किया गया है, आगे अन्य सभी स्थानों का दौरा करके सत्यापन किया जाएगा। इससे यह जानकारी हासिल होगी कि आरटीआइ के तहत मिली सूचनाओं में जो कार्य दिखाया गया है, वास्तव में धरातल पर वह कार्य हुआ है अथवा नहीं। इसके साथ ही इस पूरे प्रकरण को एक घोटाला बताते हुए एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से जांच की मांग की।