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उत्तराखंड में हर साल बढ़ रहा सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ, लेकिन मानकों के सापेक्ष केवल 20 प्रतिशत यातायात पुलिस

प्रदेश में अभी सड़क सुरक्षा के लिए जरूरत के सापेक्ष केवल 20 प्रतिशत कर्मचारी ही तैनात हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर गठित सड़क सुरक्षा समिति के सदस्यों ने प्रदेश सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करते हुए इस कमी को दूर करने की अपेक्षा की है।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 11:14 AM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 11:14 AM (IST)
उत्तराखंड में हर साल बढ़ रहा सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ, लेकिन मानकों के सापेक्ष केवल 20 प्रतिशत यातायात पुलिस
हर साल बढ़ रहा सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ

विकास गुसाईं, देहरादून : प्रदेश में वाहनों की संख्या के साथ ही सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढऩे लगा है। दुर्घटनाओं पर रोक के तमाम दावे किए गए। बावजूद इसके स्थिति यह है कि प्रदेश में अभी सड़क सुरक्षा के लिए जरूरत के सापेक्ष केवल 20 प्रतिशत कर्मचारी ही तैनात हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर गठित सड़क सुरक्षा समिति ने प्रदेश सरकार से मानकों के अनुसार यातायात पुलिस कर्मियों की तैनाती की अपेक्षा की है।

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हर साल सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ रहा है

प्रदेश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ रहा है। इसे देखते हुए सड़क सुरक्षा समिति लगातार सड़क सुरक्षा से संबंधित विभागों को सड़क दुर्घटनाओं के मामले कम करने के दिशा-निर्देश दे रही है। इसके लिए वाहन व उपकरणों की खरीद के साथ ही मानव संसाधन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।

सभी उपकरण बीपीआरडी के मानकों के अनुसार

बीपीआरडी के मानकों के अनुसार दो लाख वाहनों पर एक इंटरसेप्टर, एक लाख वाहनों पर एक ब्रेथ एनालाइजर, एक लाख वाहनों पर एक लेजर स्पीड गन और 10 हजार वाहनों पर एक बाडी वार्न कैमरा होना चाहिए। इस कड़ी में प्रदेश में अब तक 17 इंटरसेप्टर वाहन, 348 ब्रेथ एनालाइजर, 45 लेजर स्पीड गन, 233 बाडी वार्न कैमरा लिए जा चुके हैं। ये सभी उपकरण बीपीआरडी के मानकों के अनुसार है।

मानक में जो कमी देखी गई है, वह यातायात पुलिस कर्मियों की है। दरअसल, यातायात पुलिस कर्मियों की संख्या शहर की श्रेणी के हिसाब से होती है। उत्तराखंड के सभी जिले सी श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। सी श्रेणी के मानकों के अनुसार औसतन 950 वाहन पर एक यातायात पुलिस कर्मी होना चाहिए। प्रदेश में इस समय 33.15 लाख वाहन हैं।

मानक के अनुसार इतने वाहनों पर 3490 यातायात पुलिस कर्मी होने चाहिए। इनके सापेक्ष अभी केवल 717 यातायात पुलिस कर्मी ही तैनात हैं। यह संख्या तय मानक का केवल 20 प्रतिशत है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर गठित सड़क सुरक्षा समिति के सदस्यों ने प्रदेश सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करते हुए इस कमी को दूर करने की अपेक्षा की है।


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