ऋषिकेश में आज से River Rafting बंद, साढ़े चार लाख पर्यटकों ने उठाया लुत्फ, अब दो माह बाद ले सकेंगे लहरों का रोमांच
30 जून को राफ्टिंग सत्र का आखिरी दिन था। अब तक इस सत्र में साढ़े चार लाख पर्यटक राफ्टिंग का लुफ्त उठा चुके हैं। गंगा में मानसून काल में जुलाई तथा अगस्त माह में राफ्टिंग की गतिविधि बंद रखी जाती है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: तीर्थनगरी में गंगा की रिवर राफ्टिंग विश्व में अलग ही पहचान रखती है। हर वर्ष राफ्टिंग का रोमांच महसूस करने के लिए देश व दुनिया भर से पर्यटक यहां पहुंचते हैं। पिछले दो वर्ष कोरोना महामारी के चलते राफ्टिंग की गतिविधि बाधित रही। जिससे इन दोनों सत्रों में पर्यटन व्यवसायी पर्यटकों के लिए तरसते रहे। जबकि इस वर्ष 2021-22 के राफ्टिंग सत्र में रिकार्ड संख्या में पर्यटक राफ्टिंग के लिए यहां पहुंचे। 30 जून को राफ्टिंग सत्र समाप्त हो गया। अब तक इस सत्र में साढ़े चार लाख पर्यटक राफ्टिंग का लुफ्त उठा चुके हैं।
जुलाई तथा अगस्त माह में राफ्टिंग की गतिविधि बंद
गंगा में मानसून काल में जुलाई तथा अगस्त माह में राफ्टिंग की गतिविधि बंद रखी जाती है। एक सितंबर अथवा गंगा के जलस्तर के सामान्य होने पर गंगा में राफ्टिंग सत्र का आरंभ होता है, जो जून तक चलता है। यानी गंगा में रिवर राफ्टिंग के लिए 10 माह का समय होता है।
मगर, सर्दियों के दिनों में नवंबर से फरवरी तक बेहद कम संख्या में पर्यटक राफ्टिंग के लिए पहुंचते हैं। जबकि मार्च से जून माह के अंत तक राफ्टिंग का क्रेज सबसे अधिक बना रहता है। इस वर्ष कोरोना महामारी के बाद शुरू हुई राफ्टिंग की गतिविधि के लिए बड़ी संख्या में पर्यटकों की आमद शुरू हो गई थी, जो मार्च माह के बाद कई गुना बढ़ गई। आज जब राफ्टिंग सत्र का समापन हुआ तो पर्यटकों की संख्या के आंकड़े ने पुराने सभी रिकार्ड को ध्वस्त कर दिया।
इस सत्र में सितंबर 2021 से 30 जून 2022 तक कुल 4.52 लाख पर्यटक राफ्टिंग गतिविधि का लुत्फ उठाया। वर्ष 2019-20 सत्र में महज डेढ़ लाख पर्यटकों ने राफ्टिंग का लुत्फ उठाया था। जबकि 2021-22 का सत्र पूरी तरह बंद रहा। इससे पूर्व सत्र 2019-20 में सितंबर 2019 से जून 2020 तक कुल पौने चार लाख पर्यटक राफ्टिंग के लिए यहां पहुंचे थे। जबकि इससे पहले 2018-19 में चार लाख और 2017-18 और 2016-17 में साढ़े तीन लाख पर्यटकों ने रिवर राफ्टिंग का लुत्फ उठाया।
शिवपुरी से मुनिकीरेती तक सुरक्षित जोन
गंगा में रिवर राफ्टिंग के लिए यूं तो कौडिय़़ाला से मुनिकीरेती तक का जोन इको टूरिज्म जोन बनाया गया है। मगर, अधिकांशतया राफ्टिंग के लिए शिवपुरी से मुनिकीरेती तक का जोन ही अधिक सुरक्षित माना जाता है। शिवपुरी से मुनिकीरेती तक राफ्टिंग के तीन प्रमुख प्वाइंट हैं, जिनमें शिवपुरी, क्लब हाउस (फूलचट्टी) व ब्रह्मपुरी शामिल हैं। शिवपुरी से मुनिकीरेती तक की दूरी 16 किमी, क्लब हाउस से 12 किमी व ब्रह्मपुरी से नौ किमी है। इस राफ्टिंग सत्र के आंकड़ों पर गौर करें तो सितंबर से जून माह तक सर्वाधिक दो लाख 32 हजार 812 पर्यटकों ने शिवपुरी से, एक लाख 75 हजार 829 पर्यटकों ने ब्रह्मपुरी से तथा, 45 हजार 69 पर्यटकों ने ब्रह्मपुरी से राफ्टिंग की।
माह, शिवपुरी प्वाइंट, ब्रह्मपुरी प्वाइंट, क्लब हाउस प्वाइंट
सितंबर 2021, 979, 9916, 622
अक्टूबर 2021, 8771, 20622, 3206
नवंबर 2021, 17054, 17414, 2885
दिसंबर 2021, 19974, 7146, 1745
जनवरी 2022, 9070, 2717, 922
फरवरी 2022, 12412, 3229, 1001
मार्च 2022, 54520, 16960, 4068
अप्रैल 2022, 60001, 17774, 6059
मई 2022, 39178, 38036, 10174
जून 2022, 10845, 42015, 14388
कुल संख्या- 232812, 175829, 45070
इस वर्ष का राफ्टिंग सत्र पर्यटकों की दृष्टि से बेहद अच्छा रहा। इस पूरे सत्र में साढ़े चार लाख से अधिक पर्यटकों ने गंगा में राफ्टिंग का लुफ्त उठाया, जो अपने आप में एक नया रिकार्ड है। अब राफ्टिंग सत्र एक सितंबर अथवा गंगा के जल स्तर के सामान्य होने पर आरंभ होगा। बड़ी बात यह रही कि पूरा राफ्टिंग सत्र बिना किसी बड़ी दुर्घटना के संपन्न हुआ है।
- केएस नेगी, जिला साहसिक पर्यटन अधिकारी, टिहरी
ऋषिकेश क्षेत्र में सर्वाधिक पर्यटक राफ्टिंग गतिविधि के लिए पहुंचते हैं, जिससे अन्य व्यवसाय भी गति पाते हैं। इस वर्ष राफ्टिंग के लिए पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या संतोषजनक रही। हमारी कोशिश भी यही रहती है कि हम पर्यटकों को सुरक्षित और सुव्यवस्थित राफ्टिंग गतिविधि उपलब्ध कराएं। इस वर्ष राफ्टिंग के दौरान कोई दुर्घटना घटित नहीं हुई, इसकी बड़ी वजह यह रही कि राफ्टिंग कंपनियों ने अच्छे प्रशिक्षित गाइड तथा इक्विपमेंट के साथ पर्यटकों को सेवाएं प्रदान की।
- दिनेश भट्ट, अध्यक्ष, गंगा नदी राफ्टिंग रोटेशन व्यवस्था समिति