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Street Library: गंगा किनारे ज्ञान का संगम, यहां खूबसूरत नजारों का आनंद लेते हुए फ्री में पढ़ सकते हैं किताब

Rishikesh Street Library ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला के पास गंगा किनारे आपको घूमते हुए यह लाइब्रेरी मिल जाएगी। गंगा किनारे बैठकर खूबसूरत नजारों का आनंद लेते हुए किताबें पढ़ते हैं। हिंदी-अंग्रेजी साहित्य और स्कूली पाठ्यक्रम की किताबें भी उपलब्‍ध हैं।

By Nirmala BohraEdited By: Nirmala BohraPublished: Sun, 05 Feb 2023 03:07 PM (IST)Updated: Sun, 05 Feb 2023 03:07 PM (IST)
Street Library: गंगा किनारे ज्ञान का संगम, यहां खूबसूरत नजारों का आनंद लेते हुए फ्री में पढ़ सकते हैं किताब
Rishikesh Street Library: लक्ष्मण झूला के पास गंगा किनारे आपको घूमते हुए यह लाइब्रेरी मिल जाएगी।

टीम जागरण, ऋषिकेश: Rishikesh Street Library: योगनगरी ऋषिकेश अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्‍वभर में प्रसिद्ध है। यहां कलकल बहता गंगा का पानी अनूठी शांति का अहसास कराता है।

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ऋषिकेश की वादियां मन को तरोताजा कर देती हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं यहां गंगा के साथ ही ज्ञान की धारा भी प्रवाहित होती है।

Street Library in Rishikesh: जी हां, ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला के पास गंगा किनारे आपको घूमते हुए यह लाइब्रेरी मिल जाएगी। यहां लाइब्रेरी के पोल पर टंगा हुआ बॉक्‍स है। जिसमें किताबें रखी हुई हैं।

यहां लोग गंगा किनारे बैठकर खूबसूरत नजारों का आनंद लेते हुए किताबें पढ़ते हैं। इतना ही नहीं अगर आपको यहां से कोई किताब अपने साथ ले जानी है, तो बदले में दूसरी किताब रख कर आप उसे अपने साथ ले जा सकते हैं।

'बस्‍ता पैक स्‍ट्रीट लाइब्रेरी'

पोल से टंगे खूबसूरत बक्से में हिंदी-अंग्रेजी साहित्य और स्कूली पाठ्यक्रम की किताबें भी उपलब्‍ध हैं। इस बक्से पर इसका नाम भी लिखा है जो है 'बस्‍ता पैक स्‍ट्रीट लाइब्रेरी'। वहीं ऋ‍षिकेश के लोग यह भी दावा करते हैं कि यह उत्‍तराखंड की पहली स्‍ट्रीट लाइब्रेरी (Street Library) है।

यह स्ट्रीट लाइब्रेरी ओपन लाइब्रेरी है। यहां कोई कुर्सी या टेबल नहीं है और न ही कोई रजिस्‍ट्रेशन फीस। यहां से लोग बिल्‍कुल मुफ्त में किताबें पढ़ने के लिए ले जाते हैं। कई लोग गंगा किनारे बैठकर भी किताबें पढ़ते हैं।

कैसे हुई स्‍ट्रीट लाइब्रेरी की शुरुआत?

  • इस स्ट्रीट लाइब्रेरी की शुरुआत गिरिजांश गोपालन और उनके कुछ साथियों ने की है।
  • उनका कहना है कि समाज के एक बड़े वर्ग को किताबें उपलब्‍ध नहीं हो पाती है। इसके पीछे सामाजिक या आर्थिक कारण हो सकते हैं।
  • यहां लोग गंगा किनारे खूबसूरत नजारों का आनंद लेते हुए किताबें पढ़ सकते हैं।
  • किसी को कोई किताब अपने साथ ले जानी है, तो बदले में एक दूसरी किताब रख कर वे अपने साथ किताब ले जा सकते हैं।

कहां से आती हैं स्‍ट्रीट लाइब्रेरी में किताबें?

स्‍ट्रीट लाइब्रेरी में कुछ किताबें गिरिजांश के कुछ साथियों द्वारा डोनेट की गई हैं। इंटरनेट मीडिया में उनसे जुड़े लोग भी किताबें भिजवाते हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी और अन्य कॉलेजों के शिक्षक भी उनके इस अभियान में साथ हैं। स्ट्रीट लाइब्रेरी के सामने एक कैफेटेरिया है, जो इसकी देखरेख करता है। यहां आकर भी लोग किताबें डोनेट करते हैं।


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