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ऋषिकेश: कृष्णा नगर वासी 15 अक्टूबर से करेंगे आंदोलन, जानिए क्‍या है उनकी मांग

कृष्णा नगर कालोनी निवासी अब अपने हक को पाने के लिए अनिश्चितकालीन और धरना शुरू करेंगे। उनका ये धरना 15 अक्टूबर से शुरू होगा। जनकल्याण संयुक्त संघर्ष समिति ने स्थानीय विधायक पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 01:23 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 09:52 PM (IST)
ऋषिकेश: कृष्णा नगर वासी 15 अक्टूबर से करेंगे आंदोलन, जानिए क्‍या है उनकी मांग
कृष्णा नगर वासी 15 अक्टूबर से देंगे धरना, इन घोषणाओं के पूरा न होने से हैं नाराज।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: आइडीपीएल की भूमि पर करीब 50 वर्ष पूर्व स्थापित कृष्णा नगर कालोनी वासी अब अपने हक पाने के लिए 15 अक्टूबर से आंदोलन शुरू करेंगे। जनकल्याण संयुक्त संघर्ष समिति ने स्थानीय विधायक पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम के प्रस्ताव और मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद कृष्णा नगर क्षेत्र नगर निगम में शामिल नहीं हो पाया है। समिति ने विधानसभा चुनाव में स्थानीय विधायक का विरोध करने की घोषणा की।

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हरिद्वार रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए समिति के संरक्षक डा. बीएन तिवारी ने बताया कि वर्ष 1977 में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल ने कृष्णानगर और वीरभद्र के पशुलोक क्षेत्र को मिलाकर नोटिफाइड एरिया घोषित किया था। बावजूद इसके इस क्षेत्र को निकाय का दर्जा नहीं मिल पाया। वर्तमान में केंद्र सरकार की शौचालय, उज्जवला और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ क्षेत्र में रहने वाले करीब 3000 परिवार और 15000 की आबादी को नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहाकि समिति ने अपने स्तर पर सरकार से क्षेत्र के लिए पेयजल योजना मंजूर कराई। उसमें भी जनप्रतिनिधि अड़ंगा डालते रहे। समिति संरक्षक ने चुनौती दी कि पेयजल योजना की डीपीआर में एक भी पत्र स्थानीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल का संस्तुति संबंधी नहीं है। अगर वह इस बात को साबित कर दें तो हम हर सजा के लिए तैयार हैं।

मुख्य संरक्षक ने बताया कि नगर निगम गठन के बाद महापौर ने स्वयं बोर्ड की बैठक में कृष्णा नगर को नगर निगम क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव रखा। जिसे मंजूरी प्रदान की गई थी। नगर निगम के प्रथम स्थापना दिवस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसकी घोषणा भी की थी। इसके बावजूद यह क्षेत्र निकाय में शामिल नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से वन विभाग को आइडीपीएल की जो भूमि लीज पर दी गई थी उसकी लीज इस वर्ष समाप्त हो रही है। लेकिन तीन हजार की आबादी के बारे में कोई नहीं सोच रहा है।

डा. तिवारी ने कहा कि पिछले 15 वर्षों में कृष्णा नगर की जनता को सिर्फ राजनीतिक भीड़ का हिस्सा बनाया गया। लेकिन अब लोग अपना राजनीतिक इस्तेमाल नहीं होने देंगे।

उन्होंने घोषणा की कि विधानसभा चुनाव में स्थानीय विधायक का विरोध करेंगे, इसके लिए काम नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए 15 अक्टूबर से समिति अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेगी। पत्रकार वार्ता में समिति के अध्यक्ष अशोक बैलवाल, सचिव गुलाब वर्मा, महिला शाखा अध्यक्ष लता देवी, युवा शाखा अध्यक्ष तेज कुमार साहनी, त्रिलोकी नाथ तिवारी आदि थे।

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