ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की दिक्कतों पर होगा मंथन
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन में सुरंग निर्माण के लिए खनन की अनुमति को लेकर कार्यदायी एजेंसी रेलवे विकास निगम के सामने कुछ समस्याएं आ रही हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून:
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन में सुरंग निर्माण के लिए खनन की अनुमति को लेकर कार्यदायी एजेंसी रेलवे विकास निगम के सामने कुछ समस्याएं आ रही हैं। रेलवे विकास निगम द्वारा यह मसला उठाने के बाद अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की समीक्षा के लिए बुधवार को बैठक बुलाई है। इसमें खनन व एनएच के अधिकारियों से विशेष रूप से उपस्थित रहने को कहा गया है। माना जा रहा है कि अब कार्यदायी एजेंसी को सिंगल विंडो सिस्टम के जरिये अनुमति प्रदान की जा सकती है।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन प्रदेश की बेहद अहम और बहुप्रतिक्षित परियोजना है। 125 किमी लंबी इस परियोजना की निर्माण लागत 16216 करोड़ आंकी गई है। इसका निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इस परियोजना के अंतर्गत 17 सुरंगों का निर्माण प्रस्तावित है। सुरंग निर्माण का कार्य भी शुरू हो चुका है। हालांकि, यह कार्यदायी एजेंसी को आर्थिक रूप से खासी भारी पड़ रहा है। इसमें सबसे अहम कारण खनन की अनुमति का है। सूत्रों की मानें तो सुरंग बनाने के लिए जितनी मात्रा के खनन की अनुमति को कार्यदायी एजेंसी ने शुल्क जमा किया है उतना खनन नहीं हो पाया है। कारण एक तो अनुमति में देरी होना और दूसरा बरसात के कारण खनन पर रोक लगना रहा। अब कार्यदायी को नए सिरे से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए उसे फिर से शुल्क देना होगा। एजेंसी ने यह मसला सरकार के समक्ष रखा था।
ऐसे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने परियोजना के कार्यो की प्रगति और इसमें आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए बुधवार को सचिवालय में बैठक आहूत की है। इसमें इन बिंदुओं पर भी विस्तार से चर्चा की जाएगी।