ऋषिगंगा जल प्रलय : तबाही के एक साल बाद एनटीपीसी की टनल से एक और शव बरामद, अब भी 89 व्यक्ति लापता
तपोवन विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना की इंटेक टनल के पास एक और शव बरामद किया गया है। टनल के मुहाने से लगभग 650 मीटर अंदर से शव बरामद किया। शव सड़ी गली अवस्था में है हालांकि उसके ऊपरी हिस्से में कमीज व जैकेट तथा नीचे पैंट है।
संवाद सूत्र जोशीमठ: जोशीमठ के धौली गंगा पर एनटीपीसी की 520 मेगावाट की निर्माणाधीन तपोवन विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना की इंटेक टनल के पास एक और शव बरामद किया गया है। पुलिस ने शव की शिनाख्त कराने के प्रयास किए, लेकिन उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी।
टनल के मुहाने से लगभग 650 मीटर अंदर से शव बरामद
गुरुवार दोपहर को एचसीसी कंपनी के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हरिदत्त भट्ट ने पुलिस को सूचना दी कि तपोवन स्थित इंटेक टनल के अंदर से सफाई के दौरान एक शव दिखाई दे रहा है। सूचना पर चौकी तपोवन से पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और टनल के मुहाने से लगभग 650 मीटर अंदर से शव बरामद किया। शव सड़ी गली अवस्था में है, हालांकि उसके ऊपरी हिस्से में कमीज व जैकेट तथा नीचे पैंट है। संभावना जताई जा रही है कि शव रैणी ऋषिगंगा त्रासदी का हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि सात फरवरी 2021 को ऋषिगंगा में जल प्रलय आने से भारी तबाही हुई थी। इससे ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था, जबकि एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगाड़ परियोजना की टनल को काफी नुकसान हुआ था। इस दुर्घटना में 206 कर्मचारी-अधिकारी लापता हुए थे, इसमें से अब तक 117 के शव बरामद हो गए हैं। अब भी 89 व्यक्ति लापता हैं। इनमें से अभी तक कुल 81 व्यक्तियों तथा एक मानव अंग की शिनाख्त की जा चुकी है।
लोहारी-किसाऊ परियोजना के विस्थापितों को जल्द मिलेगा मुआवजा
वहीं देहरादून जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने लोहारी और किसाऊ बांध परियोजना के विस्थापितों को शीघ्र मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही विस्थापन के लिए चिह्नित भूमि का भूगर्भीय सर्वेक्षण करने को टीमें गठित की हैं। जल्द ही भूमि का निर्धारण कर ग्रामीणों का विस्थापन किया जाएगा।
गुरुवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में लोहारी और किसाऊ परियोजना के संबंध में अधिकारियों व ग्रामीणों की बैठक आयोजित की गई।
जिलाधिकारी ने लोहारी गांव के प्रभावित परिवारों के विस्थापन के लिए निवासियों की ओर से बताए गए स्थलों का भूगर्भीय सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने उप जिलाधिकारी विकासनगर, चकराता व विशेष भूअध्याप्ति अधिकारी की सयुंक्त टीम बनाते हुए सर्वेक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। ग्रामीणों की छूटी हुई परिसंपत्ति के भुगतान की मांग पर जिलाधिकारी ने यूजेवीएन के प्रबंध निदेशक को लोनिवि के अधिकारियों से मूल्यांकन कराकर अपने बोर्ड से पास करने और मुआवजे का भुगतान करने के निर्देश दिए। इस दौरान प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।