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Coronavirus: उत्‍तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों के रिकवरी रेट में उछाल

प्रदेश में संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की रफ्तार बढ़ गई है। इससे मरीजों का रिकवरी रेट एक बार फिर बढ़कर 32 फीसद के करीब हो गया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 09:56 AM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 09:56 AM (IST)
Coronavirus: उत्‍तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों के रिकवरी रेट में उछाल
Coronavirus: उत्‍तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों के रिकवरी रेट में उछाल

देहरादून, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच राहत वाली खबर है। प्रदेश में संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की रफ्तार बढ़ गई है। इससे मरीजों का रिकवरी रेट एक बार फिर बढ़कर 32 फीसद के करीब हो गया है। जबकि सप्ताहभर पहले यही रिकवरी रेट 15 फीसद से नीचे चला गया था। शनिवार को भी गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के अलग-अलग अस्पतालों से 79 संक्रमित मरीज डिस्चार्ज हुए। कोरोना के पौने तीन माह के सफर में यह दूसरा अवसर है, जबकि एक ही दिन में इतने अधिक मरीज स्वस्थ हुए हैं। इससे पहले एक अप्रैल को भी 120 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए थे। 

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प्रदेश में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था। इसके बाद हर अंतराल पर मरीजों की संख्या बढ़ी। पर लॉकडाउन-3 में मिली छूट के कारण प्रवासियों के लौटने का सिलसिला क्या शुरू हुआ, कोरोना वायरस का प्रसार कई गुणा बढ़ गया। जहां एक वक्त पर उत्तराखंड संक्रमण दर, रिकवरी रेट, मृत्यु दर आदि में देश से बेहतर स्थिति में खड़ा दिख रहा था, एकाएक पूरी गणित गड़बड़ा गई। एक तरफ जहां संक्रमण दर लगातार बढ़ी, वहीं रिकवरी रेट भी गिरता चला गया। पर अब संक्रमित मरीजों के रिकवरी में सुधार होने से सिस्टम राहत जरूर महसूस कर रहा है। हालांकि संक्रमण दर साढ़े चार फीसद के करीब पहुंच गई है। यही नहीं, कंटेनमेंट जोन भी लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। फिलवक्त प्रदेश में 52 कंटेनमेंट जोन/ हॉटस्पॉट हैं। इनमें सर्वाधिक 23 कंटेंटमेंट जोन देहरादून जनपद में है। जबकि हरिद्वार में 19, टिहरी में आठ और पौड़ी में भी दो इलाके हॉटस्पॉट बनाए गए हैं। 

ग्यारह दिन में कैसा रहा रिकवरी का ग्राफ 

  • 27 मई -15
  • 28 मई -00
  • 29 मई -23
  • 30 मई -00
  • 31 मई -00
  • 1 जून -120
  • 2 जून -30
  • 3 जून - 30
  • 4 जून - 15
  • 5 जून - 47
  • 6 जून -79

नए सिरे से तय होंगे जिलों के जोन 

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के लिहाज से जिलों की जोन रविवार को तय होने की उम्मीद है। इसके साथ ही प्रदेश में आठ जून से शुरू होने वाली गतिविधियों को लेकर भी गाइडलाइन जारी की जाएगी। प्रदेश सरकार द्वारा हर सप्ताह कोरोना की संवेदनशीलता के हिसाब से जिलों को अलग-अलग जोन में बांटा जाता है। इसके लिए छह मानक तय हैं। इन मानकों में संक्रमण और टेस्टिंग आदि के बिंदू शामिल हैं। इसके अनुसार जिलों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटा जाता है। अभी प्रदेश में नैनीताल रेड जोन में है और शेष जिले ऑरेंज जोन में हैं। अब रविवार को नए सिरे से जोन तय होने हैं। माना जा रही है कि इसमें कुछ जिलों के जोन बदल सकते हैं। वहीं, आठ जून से पूरे देश में अनलॉक वन के तहत धार्मिक स्थलों को खोलने के साथ ही अन्य गतिविधियां भी शुरू होनी हैं। प्रदेश में इसके अनुसार क्या होना है। इस संबंध में भी गाइडलाइन रविवार को ही जारी होने की उम्मीद है। 

खुले में क्वारंटाइन सेंटरों का कचरा, आक्रोश

बिधौली व कंडोली क्षेत्र के क्वारंटाइन सेंटरों से निकलने वाले कूड़े के प्रति सेंटरों के प्रभारी अधिकारी संजीदगी नहीं दिखा रहे। आलम यह है कि जिन हॉस्टलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है, उसी के आसपास खुले में कूड़ा डाल दिया जा रहा है। उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के स्पष्ट नियमों के बाद भी यह अनदेखी कोरोना के संक्रमण को दावत देती दिख रही है।

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सड़क किनारे खुले में फेंके जा रहे क्वारंटाइन सेंटरों के कूड़े को लेकर पौंधा के प्रधान सुधीर पंचवान, कंडोली के प्रधान मुकेश कुमार व बिधौली के प्रधान धीरज गुलेरिया ने शासन व प्रशासन को लापरवाही का जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि कई बार की शिकायत के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। हानिकारक कूड़े को वन्यजीव व कुत्ते खा रहे हैं। ऐसे में कोरोना का खतरा बढ़ता दिख रहा है। हालांकि, बाद में ग्रामीणों ने कूड़े को आग लगाकर स्वयं ही नष्ट कर दिया। प्रकरण में कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने जिलाधिकारी से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी दी।

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