जमीन फर्जीवाड़े मामले में राजस्व निरीक्षक गिरफ्तार
ग्राम समाज की 26 बीघा भूमि को खुर्द-बुर्द करने के हाईप्रोफाइल मामले में तत्कालीन लेखपाल जोहड़ी और वर्तमान में राजस्व निरीक्षक को कोतवाली डालनवाला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
देहरादून, [जेएनएन]: ग्राम समाज की 26 बीघा भूमि को खुर्द-बुर्द करने के हाईप्रोफाइल मामले में तत्कालीन लेखपाल जोहड़ी और वर्तमान में राजस्व निरीक्षक को कोतवाली डालनवाला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। राजस्व निरीक्षक पर आरोपितों के साथ मिलकर ग्राम समाज की भूमि को राजस्व अभिलेखों में हेरफेर कर आरोपितों के नाम पर दर्ज करने का आरोप है।
इस मामले में एक आरोपित को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि अन्य आरोपित कोर्ट से स्टे लिए हुए हैं। पुलिस ने स्टे को रद करने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी है। उसके बाद जल्द ही उनकी गिरफ्तारी भी संभव है।
कोतवाली इंस्पेक्टर राजीव रौथाण ने बताया कि इसी वर्ष 13 फरवरी को ग्राम प्रधान जोहड़ी दुर्गेश गौतम ने कोतवाली में इस मामले में मुकदमा दर्ज क राया था। जिसकी जांच उपनिरीक्षक नत्थीलाल उनियाल, विवेचना सेल को सौंपी गई थी।
मामले में राजस्व अभिलेखों, विक्रय पत्रों की प्रमाणित प्रति प्राप्त की गई। जांच में यह तथ्य सामने आया कि जोहड़ी गांव में शमशेर बहादुर आदि के पास कुल 0.733 हेक्टेयर भूमि थी। जिसमें से उन्होंने 0.489 हेक्टेयर भूमि फुरकान आदि को तथा शेष 0.244 हेक्टेयर भूमि शाहजमानी आदि को वर्ष 1991-1992 में बेच दी। भूमि स्वामियों ने यह जमीन गोपाल गोयनका और हरी नागर को बेच दी।
इसके बाद वर्ष 2001 में गोपाल गोयनका द्वारा 0.489 हेक्टेयर भूमि के स्थान पर 1.489 हेक्टेयर के कुल पांच विक्रय पत्र अपनी पत्नी रंजना गोयनका, जबकि हरी नागर द्वारा 0.244 हेक्टेयर भूमि के स्थान पर 1.244 हेक्टेयर भूमि के कुल छह विक्रय पत्र गोपाल गोयनका के नाम कर दिए।
उक्त 11 विक्रय पत्रों में से आठ के दाखिल खारिज 2001 में तथा तीन के दाखिल खारिज 2003 में किए गए। आरोपितों की ओर से उक्त जमीन 18 लाख 21 हजार में खरीदी गई थी। लेकिन आरोपितों ने तत्कालीन राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलकर राजस्व अभिलेखों में हेरफेर कर खरीदी गई जमीन से अधिक 02 हेक्टेयर (करीब 26 बीघा)अधिक भूमि बढ़ाकर उसका दाखिल खारिज कर दिया।
इसके बाद उक्त भूमि को 2005 में तीन करोड़ रुपये में विनय कुमार विंडलास, अशोक विंडलास, सुधीर विंडलास आदि को विक्रय कर दी। जो जमीन अतिरिक्त बेची गई वह ग्राम समाज की थी। जांच में सामने आया कि खतौनी तथा खसरों में तत्कालीन लेखपाल जोहड़ी व वर्तमान राजस्व निरीक्षक हीरा सिंह बिष्ट द्वारा ही 26 बीघा भूमि राजस्व अभिलेखों में बढ़ाकर दाखिल खारिज की संस्तुति की थी।
जिसके बाद पुलिस ने तत्कालीन लेखपाल और वर्तमान में राजस्व निरीक्षक हीरा सिंह बिष्ट पुत्र स्व.भागरत सिंह निवासी दिव्य विहार धर्मपुर डांडा को गिरफ्तार कर लिया।
एक आरोपित पहले ही हो चुका है गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने एक आरोपित हरीनागर उर्फ हरीकांत को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। जबकि इस मामले में नामजद अन्य अभियुक्त हाईकोर्ट से गिरफ्तार स्थगन आदेश लाए हुए हैं। इंस्पेक्टर डालनवाला ने बताया किउक्त स्थगन आदेश को निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया जा चुका है।
अभिलेखों में छेड़छाड़ की पुष्टि
मामले में पुलिस ने समस्त राजस्व अभिलेखों का विधि विज्ञान प्रयोगशाला से परीक्षण कराया। परीक्षण में राजस्व अभिलेखों में बाद में छेड़छाड़ की पुष्टि हुई है।
ग्राम समाज की भूमि कर दी गई है वापस
मामले में ग्राम समाज की हड़पी गई 26 बीघा भूमि के दुरस्तीकरण के लिए एसडीएम सदर, देहरादून से पत्राचार करने के बाद 26 बीघा भूमि वर्तमान खातेदारों के खाते से ग्राम समाज जोहड़ी के खाते में वापस कर दिया गया है। वर्तमान में इसकी कीमत लगभग 40 करोड़ रुपये आंकी गई है।
मुख्यालय के आदेश के बाद दर्ज हुआ था मुकदमा
इस मामले में हाईप्रोफाइल लोग जुड़े होने के कारण कई बार शिकायत करने के बाद भी जिला पुलिस इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं कर रही थी। मामला पुलिस मुख्यालय पहुंचा तो एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने एसएसपी को मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद मामले में कार्रवाई संभव हो सकी।
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