20 मिनट के ध्यान से पांच घंटे की नींद का आराम
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन गंगा रिसोर्ट मुनिकीरेती ऋषिकेश में देश-विदेश से आए योग साधकों ने योग की बारीकियों को सीखा।
ऋषिकेश, [जेएनएन]: अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन गंगा रिसोर्ट मुनिकीरेती ऋषिकेश में देश-विदेश से आए योग साधकों ने योग की बारीकियों को सीख कर स्वस्थ जीवन में योग के महत्व को जाना।
उत्तराखण्ड पर्यटन व गढ़वाल मंडल विकास निगम के संयुक्त तत्वावधान में आयेजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण ने साधकों को सूर्यक्रिया योग का अभ्यास कराया। उन्होंने बताया कि सूर्य साधना के द्वारा शरीर को जागृत किया जाता है। उन्होंने मंत्रों का संदर्भ दे कर बताया कि, नाभ्य के माध्यम से सूर्य से सीधे उर्जा लेकर शरीर को कुपोषण का शिकार होने और डाइबिटीज, पोलियो व पक्षाघात जैंसे रोगो के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।
सूर्य मंत्रो के अर्थ और उच्चारण के तरीकों की बारीकियों को समझाते हुए उन्होंने बताया कि, जो लोग इनके अर्थ भी नहीं जानते हों वे भी इनकी ध्वनियों से सीधे लाभान्वित हो सकते हैं क्योंकि, शब्द का उदय भी ध्वनि से ही होता है।
दूसरी ओर पंचकर्मा सभागार में योग साधकों को भारत योग के बारे में बताते हुए आचार्य प्रतिष्ठा ने कहा कि, योग को समग्रता में अपनाने के जरूरत है। आसन, ध्यान, प्राणायाम, मुद्रा योग के अवयव हैं। उन्होने कहा कि, ध्यान की कुछ ऐसी अवस्थाऐं हैं जिसमे 20 मिनट में पांच घंटे की नींद का आराम मिल सकता है।
योग और प्राकृतिक चिकित्सा पर आधुनिक भीम विश्वपाल जयंत, काया चिकित्सा पर डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी, अयंगर योग पर उषा माता, अष्ठांग योग पर योगी प्रभोद आदि ने प्रशिक्षार्थियों को गुर मंत्र दिए। इस अवसर पर सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर, गमंविनि के प्रबन्ध निदेशक ज्योति नीरज खैरवाल, महा प्रबन्धक पर्यटन बीएल राणा, महा प्रबन्धक एमएस बर्निया, क्षेत्रीय प्रबन्धक डीएस नेगी, धीरेन्द्र राणा, एसपीएस रावत, रामस्वरूप नौटियाल, विश्वनाथ बेंजवाल, रविन्द्र कण्डारी आदि उपस्थित रहे।
बरसाना की होली का उठाया लुत्फ
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में शनिवार को वहीं होली के दिन भी योगाभ्यास जारी रहे। सांस्कृतिक संध्या पर बरसाना की मशहूर फूलों की होली का मंचन किया गया। मथुरा-वृंदावन से आये कलाकारों ने गीत-संगीत व पारंपरिक नृत्य की खूबसूरत प्रस्तुतियां देकर खूब तालियां बटोरी। वहीं शनिवार को सांस्कृतिक संध्या पर कुमाउंनी लोक नृत्य व भोर सोसाइटी द्वारा इण्डो-वैस्र्टन फॉक की शानदार प्रस्तुति दी गयी।
यह भी पढ़ें: योग से आप जीवन में करेंगे परमानंद की अनुभूति
यह भी पढ़ें: यहां बनेगा प्रदेश का पहला एक्युप्रेशर पार्क, चलेंगी योगा क्लास
यह भी पढ़ें: वॉक फॉर योगा के जरिये दिया स्वस्थ्य रहने का संदेश