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आरक्षित वन क्षेत्र में खनन रोकने गई रेंजर को घेरा

विकासनगर शुक्रवार को आरक्षित वन क्षेत्र को लेकर दो प्रदेशों के अधिकारियों के बीच खीचतान की स्थिति बन गई। बाद में दोनो प्रदेश के अधिकारियों के बीच सहमति बनी ओर सर्वे के लिए संयुक्त रूप से तैयार हुए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 07:17 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 07:17 PM (IST)
आरक्षित वन क्षेत्र में खनन रोकने गई रेंजर को घेरा
आरक्षित वन क्षेत्र में खनन रोकने गई रेंजर को घेरा

जागरण संवाददाता, विकासनगर: शुक्रवार को आरक्षित वन क्षेत्र को लेकर दो प्रदेशों के अधिकारियों में खींचतान हो गई। हिमाचल प्रशासन जगह को अपनी बता रहा है, जबकि कालसी वन प्रभाग की तिमली रेंजर जिस जगह पर खनन हो रहा है, उसे उत्तराखंड का आरक्षित वन क्षेत्र बता रही हैं। शुक्रवार को लॉकडाउन में यमुना पर बनाए गए अस्थायी पुल को तोड़ने के लिए गई रेंजर की जेसीबी को भी स्थानीय ग्रामीणों ने कब्जे में ले लिया। सूचना मिलने पर सीओ के नेतृत्व में उत्तराखंड की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। हिमाचल के प्रशासन, पुलिस व वन अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जगह के कागजात दिखाए। जिस पर दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच संयुक्त सर्वे पर सहमति बनी। उधर, तिमली रेंजर ने शुक्रवार को हुए पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी है।

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कालसी वन प्रभाग की तिमली रेंज के धौलातप्पड़ में आरक्षित वन क्षेत्र में खनन किए जाने का मामला सामने आया है। लॉकडाउन में यमुना पर अस्थायी पुल बनाकर आरक्षित वन क्षेत्र में खनन की सूचना पर शुक्रवार को रेंजर तिमली अस्थायी पुल तोड़ने को जेसीबी के साथ मौके पर पहुंची तो हिमाचल के ग्रामीणों ने रेंजर को घेर लिया और जेसीबी कब्जे में ले ली। दरअसल धौलातप्पड़ में यमुना का एक किनारा उत्तर प्रदेश में पड़ता है और दूसरा किनारा हिमाचल प्रदेश में है। धौलातप्पड़ में आरक्षित वन क्षेत्र में खनन पटटा लंबे समय से बंद है। आरक्षित वन क्षेत्र होने के कारण पटटे को सरकारी स्तर से कोई परमिशन नहीं दी गई। हिमाचल प्रदेश सीमा में उपखनिज की कमी के चलते लॉकडाउन अवधि में यमुना पर अस्थायी पुल बना दिया गया। अब इस पुल से वाहन आते हैं और धौला तप्पड़ में आरक्षित वन क्षेत्र से खनन भरकर हिमाचल चले जाते हैं। खनन की सूचना मिलने पर तिमली रेंजर पूजा रावल मय वन टीम के मौके पर पहुंची, जहां पर स्थानीय ग्रामीणों ने रेंजर को घेर लिया और जेसीबी को कब्जे में ले लिया। रेंजर ने पूरे मामले की सूचना पुलिस क्षेत्राधिकारी भूपेंद्र धोनी को दी और पुलिस बल भेजने की मांग की। जिस पर सीओ व चौकी इंचार्ज कुल्हाल मय पुलिस बल के मौके पर पहुंचे और रेंजर को घेराव कर रहे लोगों को समझाया, इसी बीच हिमाचल से प्रशासन, पुलिस व वन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जिस जगह पर खनन कार्य हो रहा है, उस जगह को हिमाचल की बताया और कागजात भी दिखाए। जबकि मौके पर तिमली रेंजर ऐसे कोई कागजात नहीं दिखा पायी कि धौलातप्पड़ में जिस जगह पर खनन कार्य चल रहा है, वह उत्तराखंड का आरक्षित वन क्षेत्र है। फिल्हाल संयुक्त सर्वे पर सहमति बनी।

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उनके संज्ञान में आया था कि हिमाचल की ओर से यमुना नदी पर अस्थायी पुल बनाकर उनके आरक्षित वन क्षेत्र में खनन कार्य किया जा रहा है। जब वह जेसीबी लेकर पुल तोड़ने गई तो लोगों ने उनका घेराव कर जेसीबी कब्जे में ले ली और जगह को अपनी बताने लगे। हिमाचल से पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, मामला नदी के सीमांकन का उठा। दोनों प्रदेशों के बीच यमुना नदी के सीमांकन का मामला शासन स्तर का है। जिस जगह पर खनन कार्य हो रहा है, वह कालसी वन प्रभाग के कागजों में आरक्षित वन क्षेत्र है। उन्होंने आज के घटनाक्रम की पूरी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है। जैसा अधिकारियों की तरफ से निर्देश मिलेगा, वैसी ही कार्रवाई की जाएगी। पूजा रावल रेंजर तिमली कालसी वन प्रभाग।


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