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खाद्यान्न घोटाले में पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों से मांगी रिपोर्ट

सरकारी गोदामों से खाद्यान्न के आवंटन, वितरण, विद्यालयों को मिड डे मील के खाद्यान्न आवंटन में घोटाले का खुलासा होने पर शासन ने पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों से रिपोर्ट तलब की।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 11 Oct 2017 11:37 AM (IST)Updated: Wed, 11 Oct 2017 08:54 PM (IST)
खाद्यान्न घोटाले में पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों से मांगी रिपोर्ट
खाद्यान्न घोटाले में पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों से मांगी रिपोर्ट

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में सरकारी गोदामों में सामने आए खाद्यान्न घपले के मामले में शासन ने संबंधित जिलों से रिपोर्ट तलब की गई है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। उधर, सरकार ने धान की खरीद इस बार कमीशन एजेंट से नहीं कराने का फैसला किया है। लिहाजा अब जिलों में धान क्रय केंद्रों की संख्या में काफी वृद्धि होना तय है। संबंधित जिलाधिकारी जरूरत के मुताबिक क्रय केंद्रों की संख्या में इजाफा करेंगे। 

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ऑडिट में पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों के सरकारी गोदामों से खाद्यान्न के आवंटन, वितरण, विद्यालयों को मिड डे मील के खाद्यान्न आवंटन में अनियमितताएं पाई गईं थी। ऑडिट रिपोर्ट में राशन कार्डों की निर्धारित संख्या से अधिक दर्शाकर खाद्यान्न वितरण में करोड़ों रुपये के सरकारी धन के दुरुपयोग का खुलासा किया गया है। 

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन ने बताया कि ऑडिट रिपोर्ट शासन को मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि संबंधित जिलों से ऑडिट में उठाए गए बिंदुओं पर रिपोर्ट तलब की गई है। रिपोर्ट मिलते ही इन्हें ऑडिट को भेजा जाएगा। 

उधर, सरकार ने इस सत्र में धान की खरीद कमीशन एजेंट के जरिए नहीं कराने का फैसला किया है। इस संबंध में खाद्य महकमे की ओर से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को पत्रावली भेजी गई थी। मुख्यमंत्री ने धान खरीद में किसी भी प्रकार की अनियमितता के अंदेशे को रोकने के लिए कमीशन एजेंट से धान की खरीद नहीं कराने के आदेश दिए हैं। 

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद महकमे ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। प्रमुख सचिव आनंद बद्र्धन ने बताया कि इस बार कमीशन एजेंट से खरीद नहीं कराने का निर्णय लिया गया है। इस आदेश के बाद अब क्रय केंद्रों की संख्या में और इजाफा होगा। इसके बारे में दोनों मंडलों के संबंधित जिलों में जिलाधिकारी निर्णय लेने को अधिकृत हैं।

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