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उत्‍तराखंड : आपदा में भवन क्षति पर अब डेढ़ लाख मुआवजा, मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर बढ़ाई गई सहायता राशि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावितों को विभिन्न मदों में दी जा रही सहायता राशि को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा के मानकों में संभव न होने पर अतिरिक्त राशि की व्यवस्था मुख्यमंत्री राहत कोष से की जाए।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 04:50 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 10:35 PM (IST)
उत्‍तराखंड : आपदा में भवन क्षति पर अब डेढ़ लाख मुआवजा, मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर बढ़ाई गई सहायता राशि
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों को विभिन्न मदों में दी जा रही सहायता राशि को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में आपदा प्रभावितों को विभिन्न मदों में दी जाने वाली सहायता राशि बढ़ा दी गई है। अब पर्वतीय व मैदानी क्षेत्र में आपदा में भवन के पूर्ण क्षतिग्रस्त होने पर डेढ़ लाख रुपये प्रति भवन के हिसाब से मुआवजा राशि दी जाएगी। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे व पक्के मकानों के लिए भी सहायता राशि में इजाफा किया गया है। प्रभावित परिवारों को सामग्री के लिए दी जाने वाली सहायता राशि में 1200 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के मानकों में संभव न होने पर अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था मुख्यमंत्री राहत कोष से की जाएगी। मुख्यमंत्री ने पुनर्निर्माण और राहत कार्यों में तेजी लाने के मद्देनजर हाईपावर कमेटी गठित करने के निर्देश भी दिए हैं।

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मुख्यमंत्री धामी ने सोमवार को सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों और प्रभावितों को दी जाने वाली सहायता राशि के संबंध में समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों के लिए सहायता राशि बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को यथासंभव सहायता दी जाए और सहायता राशि के लिए किसी को बेवजह परेशान न होना पड़े, यह सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी तक आपदा में भवन के पूर्ण क्षतिग्रस्त होने पर मैदानी क्षेत्र में 95 हजार और पर्वतीय क्षेत्र में 101900 की सहायता राशि दी जा रही है। अब इसे एक समान डेढ़ लाख रुपये प्रति भवन किया गया है। इसके साथ ही आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त पक्के भवन के लिए सहायता राशि 5200 रुपये प्रति भवन से बढ़ाकर 7500 रुपये की गई है। इसी तरह आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त कच्चे भवन के लिए सहायता राशि 3200 रुपये के स्थान पर 5000 रुपये प्रति भवन की गई है। घर के आगे या पीछे का आंगन और दीवार क्षतिग्रस्त होने पर इसे आंशिक क्षतिग्रस्त की श्रेणी में लिया जाएगा। पहले इसमें सहायता नहीं दी जाती थी।

मुख्यमंत्री के अनुसार भूमि की क्षति के लिए न्यूनतम राहत राशि एक हजार रुपये की गई है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावित परिवारों को कपड़े, बर्तन व घरेलू सामान के लिए दी जाने वाली 3800 रुपये की सहायता राशि बढ़ाकर पांच हजार रुपये की गई है। इसके अलावा जीएसटी के दायरे से बाहर के जिन छोटे व्यापारियों की दुकान में पानी भरने से नुकसान हुआ है, उन्हें भी पांच हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिन आवासीय कालोनियों में 18 व 19 अक्टूबर की आपदा के दौरान बाहर लगे बिजली की मीटर खराब हो गए हैं, उन्हें ऊर्जा निगम निश्शुल्क बदलेगा।

सीएम राहत कोष से देंगे अतिरिक्त राशि

उन्होंने कहा कि एसडीआएफ मानकों से अनुमन्य की गई अधिक राशि का भुगतान मुख्यमंत्री राहत कोष से किया जाएगा। क्षतिग्रस्त भवनों समेत अन्य प्रकरण यदि एसडीआरएफ के मानकों की परिधि से बाहर हैं तो इनमें भी मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता दी जाएगी।

सात नवंबर तक गड्ढामुक्त हों सड़कें

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में क्षतिग्रस्त सड़कों को सात नवंबर तक गड्ढामुक्त किया जाए। उन्होंने दोनों मंडलायुक्तों को इसकी निरंतर मानीटरिंग के लिए कहा। समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव डा एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, आनंद बद्र्धन समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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