स्पीड गवर्नर पर नहीं खुदा होगा पंजीयन नंबर तो नहीं होगी फिटनेस जारी
अब गर्वनर डिवाइस पर पंजीयन नंबर खुदवाना जरूरी कर दिया गया है। जिन वाहनों में डिवाइस पर पंजीयन नंबर खुदा हुआ नहीं होगा, उनकी फिटनेस जारी नहीं की जाएगी।
देहरादून, [जेएनएन]: वाहनों की बेकाबू गति पर नियंत्रण के लिए स्पीड गवर्नर की अनिवार्यता के बाद अब गर्वनर डिवाइस पर पंजीयन नंबर खुदवाना जरूरी कर दिया गया है। पंजीयन अधिकारी एवं सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी की ओर से सोमवार को इसके आदेश फिटनेस विभाग को भेजे गए। जिसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जिन वाहनों में डिवाइस पर पंजीयन नंबर खुदा हुआ नहीं होगा, उनकी फिटनेस जारी न की जाए। अब मंगलवार से उन्हीं वाहनों की फिटनेस होगी, जो इस आदेश का अनुपालन करेंगे।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की गाइड-लाइन के बाद सभी व्यवसायिक वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य कर दिया है। इसी क्रम में परिवहन मुख्यालय स्पीड गवर्नर की पैनल एजेंसियों के नाम भी जारी कर चुका है। संचालकों को राहत यह रहेगी कि वह इन एजेंसियों पर जाकर डिवाइस लगा सकते हैं। डिवाइस को लेकर सुप्रीम कोर्ट की नई गाइड लाइन ये आई है कि वाहन का पंजीयन नंबर उस पर खुदा हुआ होना अनिवार्य है। इस पर परिवहन विभाग द्वारा उत्तराखंड में भी यह नियम अनिवार्य कर दिया गया है।
कमेटी करेगी वाल्वो की फिटनेस
आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने रोडवेज की वाल्वो और एसी बसों की फिटनेस जांच कमेटी से कराने के आदेश दिए हैं। असल में वाल्वो व एसी बसों की खराब हालात की शिकायतें यात्रियों द्वारा परिवहन विभाग से की जा रही हैं। यात्रियों का आरोप यह भी है कि रोडवेज प्रबंधन इन शिकायत पर गंभीर नहीं है। बसों में सीटें खराब हैं और परिचालकों की भाषा-शैली पर भी यात्रियों की नाराजगी है। आरटीओ ने आदेश दिया है कि डीलक्स बसों की फिटनेस आरटीओ की संस्तुति के बाद ही जारी की जाए। इस दौरान एआरटीओ प्रवर्तन अरविंद पांडे को रूट पर वाल्वो व एसी बसों की फिटनेस चेकिंग करने व यात्रियों से फीडबैक लेने के आदेश भी दिए।
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