उत्तराखंड: आश्वासन के बाद पॉलीटेक्निक संविदा शिक्षकों में जगी दोबारा नौकरी की आस
उत्तराखंड के राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में वर्षों तक कार्य कर चुके संविदा शिक्षकों में सरकार के आश्वासन के बाद दोबारा नौकरी की आस जगी है। इन शिक्षकों की सरकार ने वर्ष 2018 में सेवा समाप्त कर दी थी।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड के राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में वर्षों तक कार्य कर चुके संविदा शिक्षकों में सरकार के आश्वासन के बाद दोबारा नौकरी की आस जगी है। इन शिक्षकों की सरकार ने वर्ष 2018 में सेवा समाप्त कर दी थी।
वर्षों तक सेवा देने के बाद हटाए जाने पर संविदा शिक्षकों में भारी नाराजगी थी। समय-समय पर संविदा शिक्षकों ने मुख्यमंत्री, विभागीय अधिकारियों और सरकार के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर दोबारा सेवा में लेने का आग्रह किया था। इस संदर्भ में राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी सभी संविदा शिक्षकों के साथ खड़ी रही। संविदा शिक्षक पिछले एक महीने में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव तकनीकी शिक्षा राधा रतूड़ी से बहाली को लेकर मुलाकात कर चुके हैं। सभी ने सकारात्मक आश्वासन दिया।
बीती दो जनवरी को उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)डॉ.धन सिंह रावत के ने सभी संविदा शिक्षकों की बहाली को लेकर तकनीकी निदेशक को निर्देश दिए, जिससे संविदा शिक्षकों में खुशी की लहर है। संविदा शिक्षक नेता दिनेश नौटियाल, महेश भट्ट, सुभाषपाल, अतोल रावत, आशीष डोभाल, प्रीती उनियाल, भरतपाल, खगेंद्र अवस्थी, दीपक पंत, मनीष भट्ट आदि ने सरकार का आभार व्यक्त किया।
उपनल कर्मचारी महासंघ ने की नियमितीकरण की मांग
उपनल कर्मचारी महासंघ का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को अध्यक्ष कुशाग्र जोशी के नेतृत्व में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव को बताया कि जिन पदों पर उपनल कर्मचारी कार्यरत हैं, उन पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की जा रही है। यह उपनल कर्मचारियों के साथ अन्याय है। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग की।
महामंत्री हेमंत सिंह रावत ने कहा कि उपनल कर्मियों के वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए अब तक स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया गया है, इससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वहीं शासनादेश होने के बाद भी कई विभागों में आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से कर्मचारी भर्ती किए जा रहे हैं, यह शासनादेश की अवहेलना है।
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