सहयोग से समाधान: आरबीएस डेवलपर्स ने कर्मचारियों के सहयोग से बनाया काम का माहौल
कारोबार में सफलता के लिए सकारात्मक सोच होना जरूरी है। हुनर और ग्राहकों को परखने की काबिलियत व्यापार में उन्नति का मूल मंत्र है। प्रतिस्पर्धा के युग में मुकाबला बेहतर करने के लिए लीक से हटकर चलने से भी सफलता प्राप्त होती है।
देहरादून, जेएनएन। कारोबार में सफलता के लिए सकारात्मक सोच होना जरूरी है। हुनर और ग्राहकों को परखने की काबिलियत व्यापार में उन्नति का मूल मंत्र है। प्रतिस्पर्धा के युग में मुकाबला बेहतर करने के लिए लीक से हटकर चलने से भी सफलता प्राप्त होती है। ग्राहकों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने वाला व्यापारी हर चुनौती को सफलता में तब्दील कर देता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया देहरादून के प्रसिद्ध आरबीएस डेवलपर्स के प्रमुख राकेश बत्ता ने। उन्होंने कोरोना संक्रमण में अपने एक भी कामगार को रोजगार नहीं छीना। बल्कि तीन महीने उन्हें घर में बैठने के बाद भी सैलरी दी।
पीसीवी ईंट से प्रारंभ किया कारोबार
राकेश बत्ता बताते हैं कि उनके पिता स्वर्गीय प्रकाश चंद ने करीब पचास साल पहले ईंट का कारोबार देहरादून व सहारनपुर में शुरू किया था। पीसीवी के नाम से प्रसिद्ध ईंट आज भी किसी पुरानी इमारत को तोड़ते समय देखी जाती है। पीसीवी ईंट मजबूती का दूसरा नाम था। राकेश बत्ता बताते हैं कि 'राकेश ब्रिक्स यूनिट्स' के नाम से ईंट भट्टा मेंहूवाला में स्थापित है। कोरोना संक्रमण के कारण बीते मार्च माह के अंतिम सप्ताह में लॉकडाउन प्रारंभ हो गया। जिससे ईंटों का निर्माण और आगे सप्लाई चैन अवरुद्ध हो गई। ईंटों के कारोबार से जुड़े सभी कर्मचारी लॉकडाउन में घर पर रहे। इस दौरान कामगारों के परिवार को आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े इसका विशेष ध्यान रखा गया। सभी कामगारों को करीब तीन महीने तक बिना काम के सैलरी दी गई।
समाधान 1: कोरोना काल में पुराने ग्राहकों से बनाए रखा संपर्क
राकेश ब्रिक्स यूनिट्स के प्रमुख राकेश बत्ता कहते हैं कि लॉकडाउन के कारण भवन निर्माण से लेकर ईंट तैयार करने का काम पूरी तरह ठप हो गया, जिससे भवन निर्माण सामग्री ले जाने वाले कई ग्राहक सामान की कीमत भी नहीं दे पाए, लेकिन उन्होंने कारोना काल में अपने पुराने ग्राहकों से संपर्क बनाए रखा और उनकी परेशानी को समझा।
(आरबीएस डेवलपर्स के प्रमुख राकेश बत्ता)
समाधान 2: जरूरतमंदों की मदद को रहे आगे
लॉकडाउन के दौरान गरीबों को भोजन और खाद्यान पुलिस से सहयोग से वितरित किए गए। नेहरूग्राम, शहर के विभिन्न थाना और चौकियों में गरीबों व मजदूरों के लिए भोजना भेजा गया, जिससे आपदा की घड़ी में एक भी व्यक्ति भूखा न सोए।
समाधान 3: कामगारों से मुलाकात कर सुना उनका दर्द
राकेश ब्रिक्स यूनिट्स के प्रमुख राकेश बत्ता कहते हैं कि अनलॉक प्रारंभ होने पर फिर से सबसे पहले उन्होंने अपने सभी कामगारों मुलाकात कर उनके दुख दर्द को सुना।
समाधान: 4 तीस फीसद कामगारों के साथ शुरू किया उत्पादन
ईंट निर्माण इकाई परिसर में शारीरिक दूरी नियम, मास्क का प्रयोग और सैनिटाइजर का प्रयोग करते हुए केवल 30 फीसद कामगारों के साथ ईंटों का उत्पादन प्रारंभ किया, जो अब पचास से साठ फीसद तक पहुंच गया है इसमें और इजाफा होने की संभावना है।
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समाधान 5: निर्माण सामग्री के क्षेत्र में बन रहा काम का माहौल
राकेश ब्रिक्स यूनिट्स के प्रमुख राकेश बत्ता कहते हैं कि आगे निर्माण सामग्री के क्षेत्र में काम का माहौल बन रहा है, जिससे आमजन से लेकर कामगार और टैक्स के रूप में सरकार सभी को लाभ होगा।
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