Move to Jagran APP

उत्तराखंड में बिजली कर्मचारियों के लिए दरें तय, एक अप्रैल 2020 से लागू

एक महीने की कसरत के बाद ऊर्जा निगम ने बिजली कर्मचारियों के लिए विद्युत उपभोग की दरें और यूनिट तय कर दी है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 04:40 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 08:25 PM (IST)
उत्तराखंड में बिजली कर्मचारियों के लिए दरें तय, एक अप्रैल 2020 से लागू
उत्तराखंड में बिजली कर्मचारियों के लिए दरें तय, एक अप्रैल 2020 से लागू

देहरादून, जेएनएन। हाईकोर्ट के आदेश और एक महीने की कसरत के बाद ऊर्जा निगम ने बिजली कर्मचारियों के लिए विद्युत उपभोग की दरें और यूनिट तय कर दी है। इससे प्रदेश के 7,675 कार्मिकों और पेंशनरों पर असर पड़ेगा। नई दरें एक अप्रैल 2020 से लागू करने का फैसला किया गया है। हालांकि यह फैसला नैनीताल हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर निर्भर करेगा। 

loksabha election banner

ऊर्जा के तीनों निगमों में 7,675 कर्मियों और पेंशनर्स को रियायती दरों पर बिजली मुहैया कराई जाती है। इन पर तकरीबन 2.5 मिलियन यूनिट बिजली हर माह खर्च होती है। छह महीने पहले इसके खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई। इस पर हाईकोर्ट ने सस्ती बिजली देने पर रोक लगाने का आदेश देते हुए ऊर्जा निगम से जवाब मांगा था और यह भी आदेश दिया था कि फिक्स चार्ज और यूनिट के उपभोग का भी स्लैब तैयार किया जाए। 

इसे लेकर बीते 23 जनवरी को ऊर्जा निगमों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग हुई, जिसमें फिक्स चार्जेज बढ़ाने और सालाना उपभोग की जाने वाले विद्युत यूनिटों की सीमा तय कर दी गई। फैसले के मुताबिक विभिन्न संवर्गों के अधिकारियों और कार्मिकों को अब साल में निर्धारित यूनिट से अधिक बिजली का उपभोग करने पर बढ़ी हुई यूनिट पर आम उपभोक्ता की तरह ही शुल्क का भुगतान करना होगा। 

पदवार फिक्स चार्ज और विद्युत यूनिट 

पद, पूर्व में फिक्स चार्ज, नई दरें, यूनिट 

महाप्रबंधक और समान संवर्ग, 425, 640, 9000 

उप महाप्रबंधक और समान संवर्ग, 350, 525, 8000 

सहायक-अधिशासी अभियंता, 250, 375, 7500 

जेई और समान संवर्ग, 180, 270, 7000 

तृतीय श्रेणी कर्मी, 100, 150, 6500 

चतुर्थ श्रेणी और ऑपरेटिंग स्टाफ, 65, 100, 6000 

नोट: फिक्स चार्जेज प्रतिमाह और यूनिट सालाना के आधार पर तय 

बिजली कर्मियों को भी बर्दाश्त करनी होगी गर्मी और ठंड 

बिजली कर्मियों को भी गर्मी और ठंड बर्दाश्त करने की आदत डालनी होगी। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने बिजली कर्मियों और पेंशनरों के विद्युत उपभोग की सीमा तय कर दी है। अब इसे वह एक महीने में उपभोग कर लें या फिर पूरे साल में। ऐसे में एसी या हीटर लगाने पर निश्चित तौर पर इसका असर उनकी जेब पर पड़ेगा और निर्धारित यूनिट से अधिक बिजली उपभोग करने पर उन्हें भी आम उपभोक्ता की ही तरह विद्युत मूल्य का भुगतान करना पड़ेगा। 

ऊर्जा के तीनों निगम यूजेवीएन लिमिटेड, पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन उत्तराखंड लिमिटेड, उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में अधिकारियों-कर्मी और पेंशनर्स को रियायती दरों पर बिजली देने की सुविधा है। इन पर सालाना 30 मिलियन यूनिट बिजली की खपत होती है, यानी विभागीय कर्मी हर माह 2.5 मिलियन यूनिट बिजली खर्च करते हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के इस फैसले का असर ऊर्जा के तीनों निगमों के 7,675 कर्मियों और पेंशनर्स पर पड़ेगा। इनमें एसी उपयोग करने पर 200 रुपये अतिरिक्त शुल्क देना होता है। 

पहले लगाना होगा विद्युत मीटर 

बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को अपने इस फैसले का पालन कराने के लिए सबसे पहले सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनरों के घर मीटर लगाना होगा। निगम के अधिकारी कार्मिकों के घर मीटर लगाने की प्रक्रिया तो चल रही है, लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी तमाम कार्मिकों के घरों पर मीटर नहीं लग सके हैं। ऐसे में जब तक मीटर नहीं लग जाते, तब तक कार्मिकों और पेंशनरों के द्वारा उपभोग की गई बिजली की जानकारी जुटा पाना मुश्किल होगा। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में बिजली कार्मिकों के घर के बाहर लगेंगे मीटर, पढ़िए पूरी खबर

बीओडी ने नहीं किया समझौते का पालन 

उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने कहा कि बोर्ड डायरेक्टर की ओर से बनाई गई यह व्यवस्था तो स्वीकार है, लेकिन समझौते के अनुरूप यूनिट की सीमा नहीं तय की गई। उन्होंने बताया कि बीते 19 नवंबर को हुए समझौते में मोर्चा की ओर से अधिकारियों व कर्मचारियों को सालाना दस से पंद्रह हजार यूनिट बिजली रियायती दरों पर देने पर मांग की गई थी। इस पर समझौता भी हुआ था। बाद में यह आठ से दस हजार यूनिट सालाना का प्रस्ताव बीओडी के समक्ष रखा, जिसमें इसे घटाकर छह से नौ हजार यूनिट सालाना कर दिया गया। वहीं, एक अप्रैल के बाद भर्ती होने कार्मिकों को यह सुविधा न दिया जाना भी अनुचित है। एक ही दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारियों के बीच इससे आपसी वैमनस्य बढ़ सकता है। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में बिजली आपूर्ति बेहतर बनाने को होगा तीन नए ग्रिड का निर्माण

ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा का कहना है कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की ओर से फिक्स चार्ज बढ़ाने और यूनिट की सीमा तय करने का निर्णय लिया गया है। इसे एक अप्रैल से लागू कर दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में अगले माह दूर होगा 1343 तोकों का अंधेरा, पढ़िए पूरी खबर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.