लॉकडाउन-4 में तेजी से बढ़ता कोरोना का ग्राफ, उत्तराखंड में कोरोना की दस्तक हुए 200 दिन पूरे; जानिए क्या रही स्थिति
देश में कोरोना के मामले रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहा है। प्रदेश में कोरोना की दस्तक मार्च मध्य में हुई थी। तब से न केवल कोरोना का ग्राफ लगातार बढ़ता गया बल्कि चुनौतियां भी। खासकर लॉकडाउन-4 में संक्रमण का प्रसार कई गुना बढ़ गया है।
देहरादून,जेएनएन। देश में कोरोना के मामले रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहा है। प्रदेश में कोरोना की दस्तक मार्च मध्य में हुई थी। तब से न केवल कोरोना का ग्राफ लगातार बढ़ता गया बल्कि चुनौतियां भी। खासकर लॉकडाउन-4 में संक्रमण का प्रसार कई गुना बढ़ गया है। इस दौरान न केवल रिकॉर्ड मामले आए, बल्कि मरने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। सुकून सिर्फ इस बात का है कि रिकवरी भी इस दौरान ज्यादा हुई हैं।
उत्तराखंड में शुरुआती चरण में कोरोना के जो मामले सामने आए वह विदेश से लौटे लोग थे। इसके बाद जमातियों के कारण कोरोना का प्रसार तेज हुआ। साथ ही इनके संपर्क में आए लोग भी काफी संख्या में संक्रमित पाए गए। फिर प्रवासियों की आमद बढऩे के साथ कोरोना के भी मामले बढ़े। अब न केवल बाहर से आए लोग बल्कि स्थानीय स्तर पर भी संक्रमण बढ़ रहा है। कोरोना की जंग में अग्रिम मोर्चे पर डटे चिकित्सक, नर्स, अन्य स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी व पुलिसकर्मी भी बड़ी संख्या में कोरोना की जद में आते जा रहे हैं। इसके अलावा सेना व आइटीबीपी के जवान भी काफी संख्या में संक्रमित मिले हैं। फिलवक्त स्थिति ये है कि आम और खास, कोई भी संक्रमण के खतरे से अछूता नहीं रहा है। प्रदेश में कोरोना को 200 दिन पूरे हो चुके हैं। आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए तो शुरुआती 170 दिन पर आखिरी तीस दिन भारी पड़ते दिख रहे हैं।
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टेस्टिंग बढ़ी पर और बढ़ाने की जरूरत स्वास्थ्य
बीते कुछ वक्त में संक्रमण के जो नए मामले सामने आए हैं, वह कहीं न कहीं वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन (सामुदायिक फैलाव) की तरफ भी इशारा कर रहे हैं। अब स्थानीय स्तर पर या जाने-अनजाने पूर्व में संक्रमित मिले मरीजों के संपर्क में आए लोग भी बड़ी संख्या में पॉजिटिव मिलने लगे हैं। इसलिए उनकी पहचान जरूरी है जो अस्पताल में नहीं हैं, मगर इधर-उधर घूमकर दूसरों को संक्रमित कर रहे हैं। प्रदेश में जांच का दायरा बढ़ा है, पर जरूरत इस बात की है कि ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग की जाए। ताकि इस मुसीबत से जल्दी पार पाया जा सके।
इस तरह आए मामले
अनलॉक-4 से पहले:19827
अनलॉक-4:29173
रिकवरी
अनलॉक-4 से पहले:13608
अनलॉक-4: 25427
जांच
अनलॉक-4 से पहले:367381
अनलॉक-4:319166
मौत
अनलॉक-4 से पहले:269
अनलॉक-4:345