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देश में 33 वर्ष के बाद आया शिक्षा नीति का मसौदा: केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि देश में 33 वर्ष के बाद शिक्षा नीति का मसौदा आया है। निश्चित रूप से यह दुनिया की सबसे सशक्त नीति होगी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 01:02 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 08:27 PM (IST)
देश में 33 वर्ष के बाद आया शिक्षा नीति का मसौदा: केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक
देश में 33 वर्ष के बाद आया शिक्षा नीति का मसौदा: केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक

ऋषिकेश, जेएनएन। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि देश में 33 वर्ष के बाद शिक्षा नीति का मसौदा तैयार हुआ है। निश्चित रूप से यह दुनिया की सबसे सशक्त शिक्षा नीति होगी। सशक्त भारत की आधारशिला इस नई शिक्षा नीति में समाहित होगी। 

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स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षा समारोह में शामिल होने आए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश के सामने शीघ्र ही एक नई शिक्षा नीति आने वाली है। 33 साल बाद शिक्षा नीति का नया मसौदा देश के सामने आया है। उन्होंने कहा इस शिक्षा नीति में संस्कारों के साथ ज्ञान, विज्ञान, तकनीकी का समावेश होगा। प्रधानमंत्री ने स्वस्थ,स्वच्छ और श्रेष्ठ भारत के निर्माण का सपना देखा है।

इस नई शिक्षा नीति में ऐसे ही भारत की आधारशिला रखी जाएगी। हिमालयन इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट के संस्थापक ब्रह्मलीन संत डॉ. स्वामी राम को याद करते हुए उन्होंने कहा कि  सर्वे भवंतु सुखिन: की भावना के साथ मानवता के निरोग होने का संकल्प लिया था। उन्होंने योग को स्वास्थ्य से जोड़ते हुए विश्व को नया दर्शन दिया। इसी दर्शन पर इस संस्थान की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ही नहीं बल्कि समूचे देश में चिकित्सकों की कमी है।

एसआरएचयू सहित कई विश्वविद्यालय धीरे-धीरे इस कमी को पूरा कर रहे हैं। सरकार ने उत्तराखंड में हल्द्वानी और श्रीनगर में मेडिकल कॉलेज इसी मंशा के साथ खोला था कि गरीब बच्चे कम शुल्क में एक अच्छा डॉक्टर बन सके। इस मकसद को लेकर सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय शिक्षा चिकित्सा तकनीकी और प्रबंधन सभी क्षेत्र में नित्य नए आयाम प्रस्तुत कर रहा है। 

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ विजय धस्माना ने कहा कि  गुरुदेव  डॉ. स्वामी राम ने शिक्षा स्वास्थ्य की सेवा के उद्देेश्य से इस संस्थान की स्थापना की थी। उनके सपने और संकल्प को पूर्ण करने में संस्थान परिवार समर्पण भाव से कार्य कर रहा है। जिसके सार्थक परिणाम सबके सामने है। केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने विश्वविद्यालय में एमबीबीएस के सर्वश्रेष्ठ स्नातक डॉ. विवेक राजदेव और नर्सिंग की सर्वश्रेष्ठ स्नातक गरिमा को स्मृति चिह्न और उपाधि देकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंद वर्धन, विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. विजेंद्र चौहान, एचएनबी मेडिकल कॉलेज के कुलपति डॉ. हेमचंद्र पांडे, दून विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सीएस नौटियाल, कुलसचिव नलिन भटनागर, नर्सिंग की निदेशक डॉ. रेनू धस्माना, ऋषिकेश नगर निगम की महापौर अनीता ममगाईं, गन्ना एवं चीनी औद्योगिक विकास बोर्ड के अध्यक्ष भगतराम कोठारी, गवर्निंग बॉडी के सदस्य डॉ. प्रकाश केसवैया, बी मैथिली, डॉ. सुनील सैनी, डॉ. मुस्ताक अहमद, डॉ. अनुराधा कुसुम, डीन मैनेजमेंट कॉलेज आलोक सकलानी, डीन इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज आरसी रमोला आदि मौजूद रहे। संचालन अनुभा नागालिया ने किया।

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-दीक्षा समारोह में 674 छात्रों को दी गई डिग्री

-हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस- 336 छात्र-छात्राएं

-हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग- 145 छात्र-छात्राएं

-हिमालयन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज- 12 छात्र-छात्राएं

-विवेक और गरिमा सर्वश्रेष्ठ स्नातक

इस वर्ष डॉ.स्वामी राम बेस्ट ग्रेजुएट अवॉर्ड- विवेक राजदेव (एमबीबीएस), गरिमा (बीएससी नर्सिंग) को दिया गया।

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