कौन है भद्रा?, क्या होता है भद्राकाल, इस काल में क्यों नहीं होते हैं शुभ कार्य
Bhadra रक्षाबंधन पर इस बार भद्रा (Bhadra) को लेकर चर्चाएं हो रही है। लोग इसका नाम सुनकर डर जाते हैं। आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये भद्रा कौन है। आइए हम आपको इसके बारे में बताते हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2022) पर इस बार भद्रा (Bhadra) को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। इसका नाम सुनकर लोग डर जाते हैं। आपके मन में प्रश्न उठ रहा होगा कि आखिर ये भद्रा कौन है। आइए हम आपको बताते हैं।
कौन है भद्रा
आचार्य अमित थपलियाल ने बताया कि ऐसा माना जाता है कि दैत्यों को मारने के लिए भद्रा (Bhadra) गर्दभ (गधा) के मुख और लंबे पूंछ और 3 पैरयुक्त उत्पन्न हुई। पौराणिक कथा के अनुसार भद्रा भगवान सूर्य नारायण और पत्नी छाया की कन्या व भगवान शनि की बहन है।
जन्म लेते ही पहुंचाने लगी विघ्न
जन्म लेते ही भद्रा (Bhadra) यज्ञों में विघ्न-बाधा पहुंचाने लगी और मंगल कार्यों में उपद्रव करने लगी तथा सारे जगत को पीड़ा पहुंचाने लगी। उसके स्वभाव को देखकर सूर्यदेव को उसके विवाह की चिंता होने लगी और वे सोचने लगे कि इसका विवाह कैसे होगा? सभी ने सूर्यदेव के विवाह प्रस्ताव को ठुकरा दिया। सूर्यदेव ने ब्रह्माजी से उचित परामर्श मांगा।
- ब्रह्माजी ने तब विष्टि से कहा कि- 'भद्रे! बव, बालव, कौलव आदि करणों के अंत में तुम निवास करो तथा जो व्यक्ति तुम्हारे समय में गृह प्रवेश तथा अन्य मांगलिक कार्य करे, तो तुम उन्हीं में विघ्न डालो। जो तुम्हारा आदर न करे, उनका कार्य तुम बिगाड़ देना।'
- इस प्रकार उपदेश देकर ब्रह्माजी अपने लोक चले गए। तब से भद्रा अपने समय में ही देव-दानव-मानव समस्त प्राणियों को कष्ट देती हुई घूमने लगी। इस प्रकार भद्रा की उत्पत्ति हुई।
क्या होता है भद्राकाल (Bhadrakal) ?
मुहुर्त्त चिन्तामणि शास्त्र के अनुसार जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ या मीन राशि में होता है तब भद्रा का वास पृथ्वी में निवास करके मनुष्यों को क्षति पहुंचाती है
- चंद्रमा जब मेष, वृष, मिथुन या वृश्चिक में रहता है तब भद्रा का वास स्वर्गलोक में निवास करती है एवं देवताओं के कार्यों में विघ्न डालती है।
- कन्या, तुला, धनु या मकर राशि में चंद्रमा के स्थित होने पर भद्रा पाताल लोक में निवास करती है। भद्रा जिस लोक में रहती है वहीं प्रभावी रहती है।
- इस प्रकार जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ या मीन राशि में भद्रा होगी तभी पृथ्वी पर असर करेगी अन्यथा नही। जब भद्रा स्वर्ग या पाताल लोक में होगी तब वह शुभ फलदायी कहलाएगी।
रक्षाबंधन पर नहीं भद्रा का साया
आज भद्रा पाताल में है। इसीलिए इसका प्रभाव रक्षाबंधन पर (Raksha Bandhan 2022) मान्य नहीं माना जा रहा है। भद्रा जब पृथ्वी पर होती है तो इसका प्रभाव मान्य माना जाता है।