बहनों ने भाई की कलाई पर बंधी प्यार की डोर
बहनों ने भाई की कलाई पर राखी की डोर
बहनों ने भाई की कलाई पर बंधी प्यार की डोर
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : भारतीय सनातनी परंपरा में भाई-बहनों के अटूट प्रेम और स्नेह का त्योहार रक्षाबंधन तीर्थनगरी व आसपास क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर दीर्घायु की कामना की। वहीं भाइयों ने भी बहन को उसकी रक्षा का वचन दिया।
रक्षाबंधन भाई-बहनों के अटूट प्रेम का पावन पर्व है। श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर आने वाले रक्षाबंधन पर्व को लेकर ऋषिकेश के नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में हर्ष और उल्लास रहा। इस वर्ष रक्षाबंधन पर पाताल भद्रा के योग के चलते ज्योतिषों के अलग अलग मत थे, जिससे पिछले कुछ दिनों से लोग असमंजस की स्थिति में थे। अधिकांश ज्योतिषाचार्यों ने श्रावण शुक्ल पूर्णिमा पर गुरुवार को ही रक्षाबंधन मनाना शास्त्र सम्मत बताया था। जिसके बाद गुरुवार को रक्षाबंधन में शुभ मुहूर्त पर भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र बांधने के लिए सुबह से ही घरों में तैयारियां शुरू हो गई थी। स्नान और पूजा अर्चना के बाद भाई अपनी बहनों की राह देखने लगे थे। शुभ मुहूर्त पर बहनों ने भाईयों का तिलक कर उनकी कलाई पर राखी बांधी। भाइयों ने भी बहनों को उपहार भेंट किए। रक्षाबंधन पर घरों में पकवान भी बनाए गए। सभी जगह घरों में रक्षाबंधन की रौनक नजर आई।
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रक्षाबंधन पर चहका बाजार
कोरोना महामारी के चलते विगत दो वर्षों में त्योहारों का उल्लास भी फीका रहा। मगर, इस वर्ष कोरोना का खतरा कम होने बाद त्योहार को लेकर हर उम्र वर्ग में खासा उत्साह नजर आया। रक्षाबंधन पर बाजार में भी खासी रौनक दिखाई दी। पिछले कुछ दिनों से बाजार में राखी, मिठाईयां और तोहफों की खरीदारी का दौर शुरू हो गया था। गुरुवार को ऋषिकेश बाजार में साप्ताहिक बंदी रहती है, मगर रक्षाबंधन का त्योहार होने के कारण राखी, गिफ्ट आइटम, मिठाई, कपड़े तथा कुछ अन्य जरूरी दुकानें खुली रही। पूरे दिन दुकानों पर खरीदारी का दौर जारी रहा।