Rajaji National Park News: आखिरकार मिल ही गया बाड़े से गायब बाघ, वन विभाग ने ली राहत की सांस
Rajaji National Park News राजाजी टाइगर रिजर्व लाया गया बाघ मोतीचूर के जंगल मे ही मौजूद है। इससे वन विभाग ने राहत की सांस ली है। इस बाघ नौ जनवरी को यहां लाकर मोतीचूर स्थित बाड़े में रखा गया था। विभाग के होश तब उड़ गए थे।
संवाद सूत्र, रायवाला (ऋषिकेश)। Rajaji National Park News राजाजी नेशनल पार्क की मोतीचूर रेंज में बाड़े से गायब हुए बाघ की लोकेशन मिल गई है। बाड़े से दो किलोमीटर दूर लगे कैमरा ट्रैप में बाघ की तस्वीर कैद हुई है। बाघ की लोकेशन मिलने पर पार्क अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। नौ जनवरी को इस बाघ को कार्बेट नेशनल पार्क से राजाजी नेशनल पार्क में शिफ्ट किया गया था।
कार्बेट पार्क से बाघ को नौ जनवरी की सुबह मोतीचूर रेंज में बने बाड़े में शिफ्ट किया गया। रेडियो कॉलर पहनाने के बाद उसी दिन शाम को उसे जंगल में छोडऩे के प्रयास किए गए, लेकिन बाघ बाड़े से बाहर नहीं गया। रेडियो कॉलर से मिल रहे सिग्नल के कारण पार्क अफसर समझते रहे कि बाघ बाड़े में है। सोमवार की दोपहर बाड़े के ऊपर ड्रोन उड़ाया गया तो तस्वीरों में बाघ नहीं था। इस पर एक टीम वहां भेजी गई तो बाघ बाड़े में नहीं था और रेडिया कॉलर वहीं पड़ा था। इस पर अफसरों के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन दो टीमें गठित कर बाघ की तलाश शुरू की गई। कैमरा ट्रैप खंगालने के साथ ड्रोन की मदद से भी जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया।
प्रदेश के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने बताया कि बाड़े से दो किलोमीटर दूर लगे कैमरा ट्रैप में बाघ की तस्वीर कैद हुई है। हालांकि यह तस्वीर रविवार शाम की है, लेकिन इससे यह साफ हो गया है कि बाघ आसपास ही है। उन्होंने बताया कि चिंता की कोई बात नहीं है, पार्क में बड़ी संख्या में कैमरा ट्रैप लगे हैं। ऐसे में चिंता की कोई बात नहीं है। अब कैमरा ट्रैप की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। रेडियो कॉलर बाघ से कैसे अलग हो गया, इस पर सुहाग ने कहा कि बाघ अपने शरीर को सिकोड़ लेता है। ऐसे में कभी-कभी रेडियो कॉलर शरीर से अलग हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा मिशन बाघों को राजाजी पार्क में लाने का है, न कि रेडियो कॉलरिंग करना। रेडियो कॉलर सिर्फ निगरानी के लिए लगाए गए।
चार महीने पहले गायब बाघिन का नहीं चला पता
राजाजी नेशनल पार्क के दक्षिण-पश्चिम भाग में पहले से मौजूद दो बाघिनों में से एक का पता नहीं चल पा रहा। पिछले वर्ष सितंबर से कैमरा ट्रैप में बाघिन की कोई तस्वीर कैद नहीं हुई है। हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि खोजबीन के दौरान नवंबर और दिसंबर में बाघिन के पग चिह्न मिले हैं।
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