कड़वापानी में आकार लेगा 'शुक्लापुर मॉडल'
देर से ही सही, लेकिन वन महकमे की समझ में बात आ गई है कि जंगलों को पनपाने के लिए बारिश की बूंदों को सहेजा जाना आवश्यक है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
देर से ही सही, लेकिन वन महकमे की समझ में बात आ गई है कि जंगलों को पनपाने के लिए बारिश की बूंदों को सहेजा जाना आवश्यक है। इस कड़ी में हेस्को संस्था के सहयोग से देहरादून के शुक्लापुर के जंगल में हुई वर्षा जल संरक्षण की मुहिम को आगे बढ़ाने का निश्चय किया गया है। शुक्लापुर की तरह अब देहरादून वन प्रभाग की आशारोड़ी रेंज के कड़वापानी के जंगल से निकलने वाली बरसाती नदियों मानक सिद्ध रौ अथवा गुली रौ को सदानीारा बनाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए वन विभाग और हेस्को संस्था के मध्य सहमति बनी है। अब इसकी कार्ययोजना तैयार करने पर गहनता से मंथन चल रहा है।
क्या है शुक्लापुर मॉडल
देहरादून वन प्रभाग की आशारोड़ी रेंज के अंतर्गत शुक्लापुर का जंगल एक दौर में वीरान हो गया था। इसी के चलते इस जंगल होकर निकलने वाली छोटी आसन नदी में जल स्तर बेहद कम होने लगा। इसे देखते हुए हेस्को संस्था व वन विभाग ने हाथ मिलाया और फिर अस्तित्व में आया शुक्लापुर मॉडल। इसके तहत वर्ष 2010-11 में करीब 42 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले जंगल में वर्षा जल सहेजने के लिए 181 चेकडैम, 1800 छोटे गड्ढे और आठ बड़े तालाब तैयार किए गए। साथ ही पांच हेक्टेयर क्षेत्र में जल संरक्षण में सहायक पौधों का रोपण किया गया। इस मुहिम का नतीजा यह रहा कि पूरा जंगल न सिर्फ हरा-भरा हो गया, बल्कि छोटी आसन नदी में दो सौ लीटर प्रति सेकंड पानी का डिस्चार्ज बढ़ गया। नदी के जल समेट क्षेत्र में वर्षा जल संरक्षण के चलते जलस्रोत रीचार्ज होने से हुआ।
कड़वापानी में आगे बढ़ेगी मुहिम
वर्षा जल संरक्षण का शुक्लापुर मॉडल अब आशारोड़ी रेंज के कड़वापानी क्षेत्र में धरातल पर उतारने की तैयारी है। कड़वापानी में दो बरसाती नदियां मानक सिद्ध रौ व गुली रौ हैं, जिन्हें इनके कैचमेंट एरिया में वर्षा जल संरक्षण के उपाय कर सदानीरा बनाने के प्रयास किए जाएंगे। इसमें हेस्को संस्था तकनीकी सहायता मुहैया कराएगी, जबकि कार्य वन विभाग करेगा।
'दैनिक जागरण' की मुहिम के दौरान बनी सहमति
दैनिक जागरण की मुहिम 'पौधे लगाएं वृक्ष बचाएं' के समापन पर आयोजित पौधरोपण के दौरान कड़वापानी क्षेत्र में वर्षा जल संरक्षण के लिए हेस्को के संस्थापक पद्मश्री डॉ.अनिल प्रकाश जोशी और देहरादून वन प्रभाग के एसडीओ विनय रतूड़ी के मध्य सहमति बनी। एसडीओ रतूड़ी के मुताबिक इस सिलसिले में अब कार्ययोजना तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले चरण में कड़वापानी की दोनों बरसाती नदियों में से एक को लिया जाएगा।