Uttarakhand Weather: चारधाम में बर्फबारी, पहाड़ से मैदान तक बारिश का दौर, ओलों से फसल बर्बाद
उत्तराखंड में मौसम का मिजाज लगातार तल्ख बना हुआ है। पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश के साथ ही ओलावृष्टि से फसल भी चौपट होने लगी।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में मौसम का मिजाज लगातार तल्ख बना हुआ है। पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश के साथ ही ओलावृष्टि से फसल भी चौपट होने लगी। वहीं, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ ही पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी और बारिश से जनजीवन प्रभावित है। गंगोत्री और बदरीनाथ हाईवे बर्फबारी से बाधित हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी रहेगा। साथ ही निचले क्षेत्रों में बारिश से राहत की उम्मीद अभी कम है।
उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग थाना धरासू के पास मलवा आने से मार्ग अवरुद्ध हैं। इसे खोलने के लिए बीआरओ के जवान लगे हैं। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए सुचारु है। इसके अलावा सुवाखोली-मसूरी, उत्तरकाशी-घनसाली-तिलवाड़ा मोटर मार्ग भी सुचारु कर दिया गया है।
केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य चार दिन से बंद
केदारनाथ धाम में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण यात्रा की तैयारियों में व्यवधान आ रहा है। बीते चार दिन से पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य बंद हैं। मार्ग पर टूट रहे हिमखंडों ने चुनौती और बढ़ा दी है। केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण का जिम्मा संभाल रही वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के केदारनाथ प्रभारी मनोज सेमवाल ने बताया कि मंगलवार से केदारनाथ व लिनचोली के पास भारी बर्फबारी हो रही है। पैदल मार्ग पर हिमखंड भी टूट कर गिर रहे हैं।
दून में करवट बदलता रहा मौसम
उत्तराखंड में मौसम की तल्खी कम नहीं हो रही है। बुधवार से शुरू हुआ दून और मसूरी में मूसलाधार बारिश का दौर शुक्रवार को भी जारी है। धनोल्टी में सीजन का 16वां हिमपात हुआ। इसके अलावा भूस्खलन से यमुनोत्री हाईवे समेत टिहरी बाईपास भी अवरुद्ध हो गया।
बुधवार देर शाम को मौसम बदलने के बाद मसूरी समेत दून और आसपास के इलाकों में बारिश का सिलसिला शुरू हो गया था। रातभर दून में भी भारी बारिश हुई। वहीं गुरुवार को भी दोपहर बाद शुरू हुआ बारिश का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी है। इस दौरान गरज और चमक के साथ ही बादल खूब बरसे। साथ ही 40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं भी चलीं।
उधर, धनोल्टी में इस सीजन का 16वां हिमपात हुआ। इसके अलावा सुरकंडा व नागटिब्बा भी बर्फ से ढक गए हैं। समीपवर्ती पूरी यमुना व अगलाड़ घाटियों में भी जोरदार बारिश हुई। वहीं, यमुनाघाटी में अनेक स्थानों पर भूस्खलन होने से बाधित हुईं, लेकिन उन्हें सुचारु बनाने का कार्य चलता रहा।
दिल्ली-यमुनोत्री नेशनल हाईवे-507 पर खरसोन क्यारी में चट्टान खिसकने से मलबा सड़क पर आ गया, लेकिन किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ। धनोल्टी व्यापार संघ के अध्यक्ष रघुवीर रमोला ने बताया कि धनोल्टी में दो दिन से विद्युत आपूर्ति ठप है।
इधर, मसूरी-टिहरी बाईपास एनएच-707ए पर भी लक्ष्मणपुरी के नीचे मलबा आने से मार्ग बंद है। वाहनों को लंढौर सिविल अस्पताल रोड से बड़ा मोड़ या घंटाघर होकर जाना पड़ रहा है। एनएच के सहायक अभियंता सुरेंद्र सिंह का कहना है कि जेसीबी को मलबा हटाने के लिए लगा दिया गया है।
राजपुर में भारी बारिश
मसूरी और राजपुर के बीच भारी बारिश हुई। इस बाबत मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी भी जारी की थी। यहां करीब दो घंटे हुई भारी मूसलाधार बारिश से बरसाती नाले उफान पर आ गए और भूस्खलन की भी सूचना है।
अभी सुधार की उम्मीद नहीं
मौसम के बिगड़े मिजाज में अभी सुधार की उम्मीद नहीं है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अभी तेज हवाएं भी चल सकती हैं। साथ ही आकाशीय बिजली कड़कने और गरज वाले बादल विकसित होने की संभावना है।
ओलों से फसल हुई तबाह
देहरादून, मसूरी, हरिद्वार नैनीताल में शुक्रवार को भी जमकर ओले गिरे। इससे तापमान में गिरावट आ गई। साथ ही खेतों में खड़ी गेहूं की फसल भी बर्बाद हो गई। लीची और आम की पैदावार को भी भारी नुकसान का अनुमान है।
दून के चौक-चौराहे जलमग्न, नालियां भी चोक
तीन दिन से हो रही मूसलाधार बारिश ने दून की सड़कों को जलमग्न कर दिया। चौक-चौराहों पर आवाजाही प्रभावित रही। वहीं, नालियां चोक होने से गंदगी और कचरा सड़कों पर बहता नजर आया। शहर के मुख्य मार्गों पर भी स्थिति बेहद खराब रही।
बुधवार रात और गुरुवार शाम से दून में झमाझम बारिश का दौर चल रहा है। बारिश से प्रमुख चौराहों और सड़कों की सूरत बदहाल रही। बारिश और नालियों का पानी सड़कों पर बहता रहा। इससे वाहन सवारों के साथ ही पैदल राहगीरों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई इलाकों में तो फुटपाथ भी पानी में डूबे रहे। दिन में कुछ देर मौसम साफ रहने के बाद देर शाम शुरू हुई बारिश का सिलसिला मध्यरात्रि तक चलता रहा।
इससे शहर की जल निकासी व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई। इसके अलावा सड़कों पर आधा से एक फीट के गड्ढे बड़े हादसों को न्योता दे रहे हैं। गली-मोहल्लों की ही नहीं मुख्य मार्गों पर भी सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। बारिश के दौरान इनमें पानी भर जाने से ये गड्ढे और खतरनाक हो गए हैं। वाहन सवारों को पानी में गड्ढे का अंदाजा न लगने से बड़े हादसे का खतरा बना हुआ है।
यहां तालाब बनी सड़कें
शहर के मुख्य इलाकों की बात करें तो कनक चौक, एस्लेहॉल चौक, दर्शनलाल चौक, बुद्धा चौक, पिं्रस चौक, रेलवे प्रवेश द्वार, सहारनपुर चौक, निरंजनपुर, कारगी चौक, नारायण विहार के पास मुख्य रोड पर, आइएसबीटी, शिमला बाईपास चौक, कमला पैलेस तिराहा, चूना भट्टा, सहस्रधारा कॉसिंग, हाथीबड़कला आदि क्षेत्रों में खराब सड़कों से हादसों का खतरा बना हुआ है।