जल्द हरिद्वार-ऋषिकेश के बीच इलेक्ट्रिक इंजन पर दौड़ेगी रेल
रेलवे का लंबा इंतजार आखिर खत्म हुआ। हरिद्वार और ऋषिकेश के बीच डीजल के इंजन से नहीं बल्कि अब बिजली के इंजन से रेल गाड़ी दौड़ेगी। शनिवार को हरिद्वार ऋषिकेश के बीच इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल सफल रहा। उम्मीद की जा रही है कि दो सप्ताह बाद ऋषिकेश हरिद्वार के बीच अब इलेक्ट्रिक इंजन पर ही रेल गाड़ियां दौड़ेगी।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
रेलवे का लंबा इंतजार आखिर खत्म हुआ। हरिद्वार और ऋषिकेश के बीच डीजल के इंजन से नहीं बल्कि अब बिजली के इंजन से रेल गाड़ी दौड़ेगी। शनिवार को हरिद्वार ऋषिकेश के बीच इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल सफल रहा। उम्मीद की जा रही है कि दो सप्ताह बाद ऋषिकेश हरिद्वार के बीच अब इलेक्ट्रिक इंजन पर ही रेल गाड़ियां दौड़ेगी।
अंग्रेजों के जमाने में ऋषिकेश तक रेल लाइन बिछाई गई थी। गढ़वाल मंडल व चार धाम यात्रा के प्रवेश द्वार पर रेल का ऋषिकेश आखरी स्टेशन था। हालांकि अब ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के लिए भी रेल लाइन बिछाने का काम शुरू हो गया है। मगर, पूरे देश में जहां अधिकांश रेल लाइनों का विद्युतीकरण हो चुका है वहीं ऋषिकेश-हरिद्वार के बीच विद्युतीकरण की योजना लंबे समय से अधर में लटकी थी। राजाजी पार्क क्षेत्र में होने के कारण इस योजना को हरी झंडी मिलने में ही काफी वक्त लग गया। आखिर करीब एक वर्ष पूर्व यहां विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो चुका था। मगर इसके बाद भी कुछ खामियां रही। करीब चार माह पूर्व ऋषिकेश-हरिद्वार के बीच इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल लिया गया था, जो असफल रहा। तकनीकी खामियों को दुरुस्त करने के बाद शनिवार को रेलवे ने दोबारा हरिद्वार-ऋषिकेश के बीच इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल लिया। सहायक मंडल विद्युत अभियंता सुखपाल सिंह की देखरेख में लोको पायलट सुमित कुमार व केशव शरण इलेक्ट्रिक इंजन को लेकर ऋषिकेश पहुंचे। कुछ देर यहां रुकने के बाद यह इंजन हरिद्वार के लिए रवाना हुआ। सहायक मंडल विद्युत अभियंता सुखपाल सिंह ने बताया कि इलेक्ट्रिक इंजन का यह ट्रायल सफल रहा। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी। जिसके बाद मुख्यालय से हरिद्वार-ऋषिकेश के बीच इलेक्ट्रिक इंजन के जरिए रेल संचालन की स्वीकृति मिलनी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि संभवतया दो सप्ताह बाद ऋषिकेश हरिद्वार के बीच इलेक्ट्रिक इंजन पर रेलगाड़ियां दौड़ने लगेंगी। इस अवसर पर सहायक अधिशासी अभियंता श्रीकांत शर्मा, स्टेशन अधीक्षक आरपी मीणा भी मौजूद रहे।
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रेलवे को होगी आर्थिक बचत
हरिद्वार-ऋषिकेश के बीच इलेक्ट्रिक इंजन के सफल ट्रायल के बाद अब ऋषिकेश तक रेलगाड़ियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद भी बढ़ गई है। गौरतलब है कि अभी तक यहां डीजल इंजन से रेलगाड़ियां पहुंचती हैं। डीजल इंजन आर्थिक रूप से एक खर्चीला सौदा है। डीजल इंजन को एक बार स्टार्ट होने के बाद बंद नहीं किया जाता। डीजल इंजन को स्टार्ट करने में करीब 11 घंटे का समय लग जाता है। ऋषिकेश में सुबह के समय पहुंचने वाली हेमकुंड व बाड़मेर एक्सप्रेस पूरे दिन यहां खड़ी रहती हैं और पूरे दिन इन दोनों रेलगाड़ियों का डीजल इंजन स्टार्ट रहता है। जो बेहद खर्चीला साबित होता है। अब इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल सफल होने के बाद इन रेल सेवाओं सहित अन्य रेल सेवाओं के खर्चे में भी कटौती आएगी।