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शहादत को सम्मान, मतदाताओं के दिलों में दस्तक

राहुल गांधी ने पुलवामा हमले और इसके बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए सैन्य अधिकारियों के परिजनों से मुलाकात कर जनभावनाओं को कांग्रेस की तरफ मोड़ने की कोशिश की।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 07:29 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 06:27 AM (IST)
शहादत को सम्मान, मतदाताओं के दिलों में दस्तक
शहादत को सम्मान, मतदाताओं के दिलों में दस्तक

देहरादून, विकास गुसाईं। लोकसभा चुनावों का शखंनाद करने परिवर्तन रैली में देहरादून पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पुलवामा हमले और इसके बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए सैन्य अधिकारियों के परिजनों से मुलाकात कर जनभावनाओं को कांग्रेस की तरफ मोड़ने की कोशिश की। राहुल ने अपने इस कदम से उत्तराखंड में हालिया शहादतों को लेकर बने माहौल में मतदाताओं के दिल में दस्तक देने की रणनीति पर अमल किया। 

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सैन्य बहुल उत्तराखंड में सैनिकों से संबंधित मुद्दे बेहद अहम और संवेदनशील होते हैं। पुलवामा और उसके बाद कश्मीर में शहीद हुए सेना व सुरक्षा बलों के अधिकारियों की शहादत के बाद उत्तराखंड में अलग माहौल था। उत्तराखंड आने से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी संभवतया प्रदेश संगठन की ओर से इस संबंध में पूरा फीडबैक दिया। यही कारण रहा कि उत्तराखंड पहुंचे राहुल गांधी ने सेना व सुरक्षा बलों की महत्ता को अपने संबोधन में प्रमुखता से जगह दी।

शहीदों के परिजनों से मुलाकात के दौरान उन्होंने भावनात्मक संबंध भी बनाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि अपनों को खोने का दर्द वह अच्छी तरह समझते हैं, क्योंकि वह भी उस दौर से गुजरे हैं। इससे पहले परेड ग्राउंड में उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत ही उत्तराखंडवासियों द्वारा राष्ट्र सुरक्षा में निभाई जा रही अहम भूमिका से की। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए पूरा हिंदुस्तान उत्तराखंड का धन्यवाद करता है। सेना, वायुसेना, नेवी, बीएसएफ व सीआरपीएफ के साथ अन्य बलों में उत्तराखंड के युवा दिखाई देते हैं। ये सभी हर रोज हिंदुस्तान की सेवा करते हैं।

पुलवामा हमले के तुरंत बाद कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया था कि देश की सुरक्षा के लिए वह सरकार व देश के साथ खड़ी है। हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष ने सुरक्षा बलों पर ही अपने संबोधन को केंद्रित किए रखा। राजनीतिक जानकारों की मानें तो अपने इस कदम के जरिये कांग्रेस ने सैनिकों के प्रति कृतज्ञता दिखाते हुए यह संदेश देने का प्रयास किया कि वह सैनिकों व सुरक्षा बलों के कार्मिकों के हितों की चिंता करती है और उनके सुख व दुख में उनके साथ खड़ी है।

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