Move to Jagran APP

उत्तराखंड में एक और गुलदार की रेडियो कॉलरिंग की, गतिविधि की होगी मॉनी‍टरिंग

गुलदारों के व्यवहार में आ रहे बदलाव के मद्देनजर अध्ययन के लिए इनकी रेडियो कॉलरिंग का सिलसिला जारी है। हरिद्वार के बाद अब टिहरी जिले के सल्डोगी गांव के नजदीक पकड़े गए गुलदार को रेडियो कॉलर लगाया गया है। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने इसकी पुष्टि की।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 01:25 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 01:25 PM (IST)
उत्तराखंड में एक और गुलदार की रेडियो कॉलरिंग की, गतिविधि की होगी मॉनी‍टरिंग
टिहरी जिले के सल्डोगी गांव के नजदीक पकड़े गए गुलदार को रेडियो कॉलर लगाया गया है।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। गुलदारों के व्यवहार में आ रहे बदलाव के मद्देनजर अध्ययन के लिए इनकी रेडियो कॉलरिंग का सिलसिला जारी है। हरिद्वार क्षेत्र के बाद अब टिहरी जिले के सल्डोगी गांव के नजदीक पकड़े गए गुलदार को रेडियो कॉलर लगाया गया है। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इस गुलदार को भी घने जंगल में छोड़कर उसकी प्रत्येक गतिविधि की मॉनीटरिंग की जाएगी।

loksabha election banner

टिहरी जिले में नरेंद्रनगर वन प्रभाग के अंतर्गत सल्डोगी गांव में 11 अक्टूबर को गुलदार ने एक बालिका और सल्डोगी के नजदीकी कसमोली गांव में 13 अक्टूबर को एक बालक को मार डाला था। इसके बाद वन विभाग ने वहां सक्रिय गुलदार को आदमखोर घोषित किया और फिर शिकारी दल ने इसे ढेर भी कर दिया था। इससे ग्रामीणों ने राहत महसूस की, मगर दो दिन बाद ही इलाके में एक और गुलदार नजर आने लगा।

मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के अनुसार जब किसी क्षेत्र में सक्रिय गुलदार को वहां से हटाते हैं तो दूसरा वहां अधिकार जमा लेता है। सल्डोगी-कसमोली क्षेत्र में भी ऐसा ही हुआ है। इसे देखते हुए पिंजरा लगाकर गुलदार को पकड़ने व उस पर रेडियो कॉलर लगाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह सल्डोगी में लगे पिंजरे में करीब छह साल का नर गुलदार कैद हो गया। इस पर रेडियो कॉलर लगाया गया है। राज्य में यह दूसरा गुलदार है, जिसे रेडियो कॉलर पहनाया गया है।

सुहाग ने बताया कि रेडियो कॉलर लगने के बाद अब गुलदार की निरंतर मॉनीटरिंग की जाएगी। यह कब और किस वक्त कहां जाता है, अधिक सक्रियता का समय क्या है, ऐेसे तमाम बिंदुओं का अध्ययन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में कुछ और गुलदारों की भी रेडियो कालरिंग की जाएगी, ताकि इनके व्यवहार पर रिपोर्ट तैयार की जा सके। इसके आधार पर गुलदारों से टकराव थामने को कार्ययोजना बनाने में मदद मिलेगी।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में पहली बार गुलदारों की गणना में जुटेंगे विद्यार्थी

क्षेत्र में लगे रहें पिंजरे

ग्रामप्रधान धनवीर भंडारी ने इस क्षेत्र में अभी भी ङ्क्षपजरे लगाए रखने की वन विभाग से मांग की है। उधर, रेंज अधिकारी विवेक जोशी ने बताया कि क्षेत्र में ऐहतियात के तौर पर लगातार गश्त की जा रही है। साथ ही ग्रामीणों से भी सतर्क रहने की अपील की गई है। 

यह भी पढ़ें: Leopard Attack: बीस साल में गुलदार के हमले में 34 मौत और 127 लोग घायल, लगातार बढ़ रहा संघर्ष


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.