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coronavirus संदिग्धों को होटल की सुविधा, अगर खर्च कर सकते हैं तो होटल में हों क्वारंटाइन

अब कोरोना के संदिग्धों को होटल में क्वारंटाइन होने की सुविधा दे दी है। अभी यह सुविधा उनके लिए हैं जो होटल का खर्च उठाने में सक्षम हैं।

By Edited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 04:21 PM (IST)
coronavirus संदिग्धों को होटल की सुविधा, अगर खर्च कर सकते हैं तो होटल में हों क्वारंटाइन
coronavirus संदिग्धों को होटल की सुविधा, अगर खर्च कर सकते हैं तो होटल में हों क्वारंटाइन

देहरादून, राज्य ब्यूरो। शासन ने अब कोरोना के संदिग्धों को होटल में क्वारंटाइन होने की सुविधा दे दी है। अभी यह सुविधा उनके लिए हैं जो होटल का खर्च उठाने में सक्षम हैं। शासन ने यह कदम अस्पतालों के अनुरोध के बाद उठाया है। कोरोना से लड़ने को चिह्नित नौ अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने केवल संक्रमित व्यक्तियों को ही अस्पतालों में भर्ती करने का अनुरोध किया था। इसके बाद यह कदम उठाया जा रहा है। हालांकि, अभी प्रदेश की स्थिति को देखते हुए फिलहाल सभी संदिग्धों को पहले की तरह ही अस्पतालों में रखने का निर्णय लिया गया है। 

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प्रदेश में कोरोना संक्रमण के संदिग्धों की संख्या लगातार बढ़ रही है। विदेशों और बाहर से आने वालों में थोड़े भी लक्षण दिखने पर इन्हें अस्पतालों में क्वारंटाइन किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल विकास निगमों के गेस्ट हाउस के साथ ही कुछ होटलों को भी आइसोलेशन और क्वारंटाइन वार्ड के रूप में इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में कुछ दिनों पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इसमें देहरादून, रुड़की, पिथौरागढ़, लैंसडौन, रानीखेत के सैन्य अस्पतालों, एम्स ऋषिकेश, हिमालयन अस्पताल जौलीग्राट और महंत इंदिरेश अस्पताल के प्रतिनिधियों ने शिरकत की। 
इस दौरान इनके प्रतिनिधियों ने सरकार को सुझाव दिया कि अस्पतालों में कोरोना मरीजों के आइसोलेशन के लिए अभी 1650 बैड और 79 वेंटीलेटर हैं। अप्रैल अंत तक इनकी संख्या बढ़ा दी जाएगी। इनकी सीमित संख्या है। इस कारण ऐसे मरीज जिन पर केवल निगरानी या उन्हें आइसोलेशन में रखना है उन्हें अस्पतालों में न रख कर आसपास के अन्य केंद्रों में रखा जाए। इस पर यह निर्णय लिया गया कि जो लोग सक्षम हैं और पैसा खर्च कर सकते हैं तो वह होटलों में पेड वार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। 
शेष अन्य के लिए राज्य सरकार आसपास ही रहने का इंतजाम करेगी। इसके अलावा इन लोगों की देखभाल में लगे मेडिकल और पैरामेडिक्स को आसपास ही ठहराने की व्यवस्था भी संबंधित जिलाधिकारी करेंगे। नोडल अधिकारी और एनएचएम के निदेशक युगल किशोर पंत ने कहा कि जो लोग पेड वार्ड में रहना चाहते हैं वे वहा रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि अभी अस्पतालों में काफी बेड खाली हैं। ऐसे में अभी अस्पतालों में केवल संक्रमित व्यक्तियों को रखने की बात लागू नहीं है।

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