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यहां अधूरी स्वास्थ्य टीम के भरोसे है क्वारंटाइन सेंटर, कैसे लड़ी जाएगा कोरोना से जंग

ऋषिकेश में सीमा डेंटल कॉलेज और गढ़वाल मंडल विकास निगम के अतिथि गृह को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। पर डेंटल कॉलेज सेंटर में स्वास्थ्य विभाग की टीम में कई कमी है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 02:41 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 09:49 PM (IST)
यहां अधूरी स्वास्थ्य टीम के भरोसे है क्वारंटाइन सेंटर, कैसे लड़ी जाएगा कोरोना से जंग
यहां अधूरी स्वास्थ्य टीम के भरोसे है क्वारंटाइन सेंटर, कैसे लड़ी जाएगा कोरोना से जंग

ऋषिकेश, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रशासन ने ऋषिकेश में सीमा डेंटल कॉलेज और गढ़वाल मंडल विकास निगम के अतिथि गृह को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। डेंटल कॉलेज सेंटर में स्वास्थ्य विभाग की टीम में कई कमी है। तीन पाली में दो डॉक्टर हैं, तो एक पाली में वार्ड बॉय नहीं है। अगर इस सेंटर में लोगों की संख्या बढ़ जाए तो समझा जा सकता है कि कैसे इनके स्वास्थ्य की देखभाल होगी।

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सीमा डेंटल कॉलेज में 423 बेड की सुविधा उपलब्ध है। यहां अधिकतम 49 लोग क्वारंटाइन के लिए रखे गए थे। 51 दिन बीतने के बाद यहां अब 13 लोग शेष रह गए हैं। इनमें भी 11 लोग रविवार को अवधि पूरी करने के बाद चले जाएंगे। वहीं, अतिथि गृह सेंटर वर्तमान में खाली है। यहां अधिकतम 43 लोग अपना क्वारंटाइन पीरियड समाप्त कर घर जा चुके हैं। सीमा डेंटल कॉलेज में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में शुरुआती दिनों में खाने को लेकर शिकायतें सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसके बाद यहां कैटरर्स को बदल दिया गया और व्यवस्था सुधार गई थी। 

यहां रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए स्वास्थ्य विभाग की तैयारी अब तक अधूरी है। तीन शिफ्ट में तीन डॉक्टर होने चाहिए मगर सिर्फ दो ही डॉक्टर यहां तैनात किए गए हैं। एक महिला डॉक्टर उम्रदराज हो हो गई है। यहां इनके साथ फार्मसिस्ट तो है मगर दो पाली में सिर्फ दो वार्ड बॉय से काम चलाना पड़ रहा है। दिन में दो बजे से रात आठ बजे तक की शिफ्ट में कोई भी वार्ड बॉय यहां तैनात नहीं किया गया है। यह स्थिति तब है जब यहां लोगों की संख्या कम है। 

अगर अचानक संख्या बढ़ जाती है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन किस तरह से यहां रखे गए लोगों की सेहत की देखभाल करेगा। सफाई व्यवस्था की बात करें तो कमरे के भीतर रहने वाला व्यक्ति स्वयं अपने कक्ष की सफाई करेगा। बाहर की सफाई और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था नगर निगम कर रहा है। डेंटल कॉलेज का स्टाफ अलग से सहयोग कर रहा है। मेडिकल स्टाफ की कमी को लेकर यहां तैनात चिकित्सक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों सहित प्रशासन को लिख चुके हैं। मगर, 51 दिन बीतने के बाद भी इनकी सुनवाई नहीं हुई है।

क्वारंटाइन सेंटर के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमित नेगी का कहना है कि यहां लाए गए व्यक्ति की प्रथम दिन और 12 दिन पूर्ण होने पर जांच की व्यवस्था है। सेंटर में प्रत्येक शिफ्ट में दो वार्ड बॉय होने चाहिए, लेकिन दो शिफ्ट में एक-एक और एक शिफ्ट में वार्ड बॉय है ही नहीं। इस संबंध में सीएमएस और उप जिलाधिकारी को लिखा गया था।

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उप जिलाधिकारी प्रेमलाल ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में भोजन संबंधी शिकायतें पूर्व में आई थी जिसे सुधार दिया गया है। सैनिटाइजेशन और सफाई की व्यवस्था सुचारू है। स्वास्थ्य विभाग कर्मचारियों की समस्या को लेकर उच्चाधिकारियों को लिखा गया है।

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