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दून में खुदती रहती है सड़क, सोता रहता है लोक निर्माण विभाग Dehradun News

शहर की सड़कों को रातों-रात खोद दिया जाता है और लोनिवि सोया रहता है। इसकी तस्दीक स्वयं लोनिवि के आंकड़े कर रहे हैं। खुदाई के लंबेे समय बाद भी सड़कों की मरम्मत नहीं की जाती।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 25 Dec 2019 02:06 PM (IST)Updated: Wed, 25 Dec 2019 02:06 PM (IST)
दून में खुदती रहती है सड़क, सोता रहता है लोक निर्माण विभाग Dehradun News
दून में खुदती रहती है सड़क, सोता रहता है लोक निर्माण विभाग Dehradun News

देहरादून, सुमन सेमवाल। शहर की सड़कों को रातों-रात खोद दिया जाता है और लोनिवि सोया रहता है। इसकी तस्दीक स्वयं लोनिवि के आंकड़े कर रहे हैं। जिस तरह दून की सड़कों पर ताबड़तोड़ ढंग से खुदाई की जाती है, उसके मुताबिक न तो लोनिवि के पास उसकी जानकारी होती है और न ही रोड कटिंग से पहले ली जाने वाली धनराशि। इसी कारण खुदाई के बाद लंबे समय तक सड़कों की मरम्मत ही नहीं हो पाती है। 

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लोनिवि प्रांतीय खंड की इस हीलाहवाली का खुलासा आरटीआइ में मांगी गई ताजा जानकारी में हुआ। आरटीआइ से प्राप्त रिकॉर्ड के मुताबिक वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 में महज 48 बार ही सड़कों की खुदाई का आधिकारिक ब्योरा उपलब्ध है। रोड कटिंग के इन आंकड़ों में भी सिर्फ विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों का ही जिक्र किया गया है। इस रोड कटिंग से प्रांतीय खंड को पांच साल में महज 13.72 करोड़ रुपये ही प्राप्त हो पाए हैं।

हालांकि, एक मोटा अनुमान भी लगाया जाए तो वर्तमान में भी दून में कम से कम 200 स्थानों पर रोड कटिंग की गई है। स्वयं लोनिवि अधिकारी स्वीकार करते हैं कि निजी स्तर तक पर रोड कटिंग की स्वीकृति लिया जाना अनिवार्य है। फिर भी बड़ी संख्या में लोग व विभिन्न विभाग रात को चुपचाप सड़क खोद डालते हैं। अब देखना है कि जिलाधिकारी के ताजा निर्देशों के बाद भी अधिकारियों की नींद टूटती है कि उनका पुराना ढर्रा बरकरार रहता है। पुराना अनुभव बताता है कि पहले भी कई जिलाधिकारी इस तरह के निर्देश जारी करते रहे हैं और कुछ दिन बाद भी व्यवस्था पटरी से उतर जाती है। 

सड़क तब खुदेगी, जब रोड कटिंग समिति अनुमति देगी

दून में सड़कों को मनमर्जी से खोद डालने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई है। रोड कटिंग समिति की बैठक में जिलाधिकारी सी रविशंकर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि समिति की स्वीकृति के बिना सड़क को न तो मरम्मत कार्य के लिए खोदा जाए, न ही उसमें किसी तरह की लाइन बिछाने का काम किया जाए। निर्देशों की अवहेलना करने पर संबंधित इंजीनियर, अधिकारी या व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक में संबोधित करते हुए जिलाधिकारी रविशंकर ने कहा कि लोनिवि, राजमार्ग, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, जल संस्थान, सिंचाई विभाग, नगर निगम आदि एजेंसी आपस में समन्वय बनाकर ही सड़क पर काम करें। 

आपातकालीन कार्यों से पूर्व की रोड कटिंग समिति की एनओसी जरूरी है। इन्हीं नियमों का ख्याल सड़क पर सीवर लाइन बिछाने, पेयजल लाइन डालने, ओएफसी बिछाने आदि में रखा जाए। रोड कटिंग के बाद जब सड़क की मरम्मत की जाती है तो उसमें गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाए। 

बैठक में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल, सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार, उप जिलाधिकारी संगीता कन्नौजिया, शहरी विकास के संयुक्त निदेशक कमलेश बेहता, क्षेत्राधिकारी लोकजीत, लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता जेएस चौहान, नमित रमोला, डॉ. दीपशिखा रावत आदि उपस्थित रहे। 

रोड कटिंग से संबंधित कार्यों के लिए बनेगी वेबसाइट

जिलाधिकारी ने ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर (ईडीएम) सुरेश चंद्र को निर्देश दिए कि वह रोड कटिंग से संबंधित कार्यों के लिए अलग से वेबसाइट तैयार करें। इस साइट में विभिन्न कार्यों की अनुमति, कार्य का नाम, लोकेशन, कार्य की विधि, क्षेत्र के अभियंता का नाम, उनका मोबाइल नंबर आदि की जानकारी उपलब्ध कराई जाए। वेबसाइट को इस तरह तैयार किया जाए कि वह सभी विभागों की एकीकृत साइट के रूप में काम कर सके। 

कटिंग की राशि नहीं तो सड़कों की मरम्मत भी नहीं

रोड कटिंग के जिन मामलों में धनराशि का हिसाब रखा जाता है, उसकी समय के भीतर मरम्मत की बाध्यता रहती है। वहीं, अन्य मामलों में जानकारी न मिल पाने के चलते इन सड़कों को इसी तरह छोड़ दिया जाता है। कई दफा जानकर भी अधिकारी इन सड़कों से अनजान बने रहते हैं। जिसका खामियाजा लोगों को उठाना पड़ता है और ऐसी सड़कों पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। 

रोड कटिंग की इसी राशि का विवरण (रु. में)

वर्ष----------------------------राशि

2013-14-------------------4.61 करोड़

2014-15-------------------3.04 करोड़

2015-16-------------------2.62 करोड़

2016-17-------------------48.18 लाख

2017-18-------------------2.61 करोड़

2018-19-------------------34.74 लाख

ईसी रोड से शुरू हुआ स्मार्ट रोड का काम

स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत दून में स्मार्ट रोड का काम ईसी रोड से शुरू हो गया है। बहल चौक से इसकी शुरुआत की गई है। इसके चलते अगले 10 दिन तक इस चौक से नैनी बेकरी तक सड़क की एक लेन बाधित रहेगी।

देहरादून स्मार्ट सिटी लि. कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि बहल चौक से आते हुए बायीं तरफ के हिस्से पर पाइप बस्टिंग तकनीक से सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है। इस तकनीक में सड़क की ऊपरी सतह यथावथ रहेगी और नीचे सीवर लाइन बिछाई जाती रहेगी। 

इसी के साथ मल्टी यूटिलिटी डक्ट, वर्षा जल निकासी की व्यवस्था व सड़क सुधार के अन्य कार्य किए जाएंगे। सुरक्षा के लिए यह लेन यातायात के लिए बंद रखी जा रही है। पहले दिन जरूरत के मुताबिक दुपहिया वाहनों के संचालन की अनुमति दी गई। हालांकि, दूसरी लेन पर वाहनों का संचालन सुचारू रहा। उन्होंने बताया कि इसके बाद ईसी रोड पर सर्वे चौक व आराघर तक काम किया जाएगा। स्मार्ट रोड के पहले चरण में अन्य चयनित सड़कों पर भी काम किया जाएगा।

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पहले चरण की इन सड़कों पर होगा काम

ईसी रोड (आराघर से बहल चौक), 2.9 किमी।

हरिद्वार रोड (प्रिंस चौक से आराघर), 1.5 किमी।

राजपुर रोड (घंटाघर से दिलाराम चौक), 1.8 किमी।

चकराता रोड (घंटाघर से किशन नगर चौक), 1.9 किमी।

गांधी रोड (घंटाघर से सहारनपुर चौक), 02 किमी।

कुल पांच सड़कें (10.1 किमी)।

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